टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में हाल में दिल्ली पुलिस ने एक विज्ञापन प्रकाशित करवाया। इस विज्ञापन में ‘लावारिस वस्तुओं को न छूने और उसकी जानकारी पुलिस को देने’ के लिए अलर्ट था। कार्टून 24 जनवरी को प्रकाशित किया गया था। इस कार्टून में उन्होंने दिखाया कि कैसे दिल्ली पुलिस हमेशा समझाती है कि सार्वजनिक स्थलों पर पड़ी अंजान चीजों को कभी न छुएँ, लेकिन फिर भी लोग छूते हैं और दुर्घटना का शिकार होते हैं। इसी विज्ञापन में शब्द का प्रयोग हुआ ‘फट गई न’… जिस पर अब स्पष्टीकरण आया है।
इस कार्टून में साफ दिख रहा है कि दिल्ली पुलिस ‘सतर्क दिल्ली सेफ दिल्ली’ वाला संदेश दे रही है। एक व्यक्ति है जिसने सड़क पर पड़ी चीज को छुआ है और फिर उसमें विस्फोट के कारण घायल पड़ा है। लोग आकर उसे बता रहे हैं- दिल्ली पुलिस चिल्ला चिल्ला कर बोलती है, लावारिस चीजों को न छुएँ। अब फट गई न??
“इस संदेश के बाद दिल्ली पुलिस के लोगो के साथ फिर कहा जाता है कि किसी भी लावारिज वस्तु की जानकारी पुलिस को दें। ये जीवन और मौत का मामला हो सकता है। हमारे आँख, कान बनें और अपराध व आतंकवाद से लड़ने में हमारी मदद करें। कोई भी संदिग्ध वस्तु मिलने पर फौरन 1090 पर कॉल करें या मदद के लिए 112 नंबर मिलाएँ।“
अब समस्या पूरे संदेश में कहीं नहीं है। बस माफी जो माँगी गई है वो एक मात्रा की गलती की वजह से है। जहाँ ‘फट गया’ प्रयोग होना था वहाँ ‘फट गई’ लिख गया। इस पर शुद्धिपत्र जारी करते हुए माफी माँगी गई। शुद्धिपत्र में कहा गया कि 24 जनवरी को प्रकाशित किए गए दिल्ली पुलिस के विज्ञापन में ‘फट गई’ शब्द लिख गया था। वो उसके लिए माफी माँगते हैं।
बता दें कि छोटी सी गलती के लिए माफी माँगे जाने के बाद नेटीजन्स इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कोई हँसते हुए कह रहा है कि माफी माँगने की क्या जरूरत तो कोई कह रहा है कि विज्ञापन का पैसा कम होगा तभी ऐसी गलती हुई।