राज्यसभा में उप-राष्ट्रपति नीति-निर्माण की प्रक्रिया को संचालित करते हैं, ऐसे में उन्हें संवैधानिक मसलों पर बोलने का हक़ कैसे नहीं? TOI और The Wire को समझना चाहिए कि कई पूर्व जजों ने न्यायपालिका में पारदर्शिता की बात की है।
गुजरात हाई कोर्ट मे 22 अगस्त को आदेश दिया था कि टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई), इंडियन एक्सप्रेस और दिव्य भास्कर अगले ही दिन यानी 23 अगस्त को माफीनामा प्रकाशित करें।