मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल होने वाले T-20 वर्ल्ड कप के बाद विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा का भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनना तय है। रोहित शर्मा पिछले 9 वर्षों से IPL में ‘मुंबई इंडियंस’ के कप्तान रहे हैं और उनकी कप्तानी में टीम ने 5 बार ट्रॉफी फतह की है। बताया जा रहा है कि जहाँ टेस्ट्स में विराट कोहली कप्तान बने रहेंगे, लिमिटेड ओवर्स में ये जम्मेदारी रोहित शर्मा को सौंपी जाएगी।
विराट कोहली भी अब बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, इसीलिए लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में उन्होंने कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया है। दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में गिने जाने वाले विराट कोहली फ़िलहाल तीनों फॉर्मेट में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं और टेस्ट क्रिकेट में उनके नेतृत्व में भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक जीत भी मिली है। रोहित शर्मा इससे पहले इक्का-दुक्का मौकों पर भारतीय टीम की कप्तानी संभाल चुके हैं।
उनके रिकॉर्ड इस मामले में भी काफी अच्छा है। इस बार T-20 वर्ल्ड कप UAE में होना है, जिसके बाद ये बदलाव किया जाएगा। TOI ने एक सूत्र के हवाले से जानकारी दी है कि इस बदलाव की घोषणा विराट कोहली खुद करेंगे, क्योंकि वो अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। वो फिर से दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज का अपना ख़िताब वापस लेना चाहते हैं। 32 वर्षीय विराट कोहली ने अब तक 95 ODIs में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की है।
इनमें से 65 में टीम को जीत मिली है, जबकि 27 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। ODIs में विराट कोहली की जीत का प्रतिशत 70.43% रहा है। वहीं T20Is की बात करें तो उन्होंने 45 मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाली है, जिसमें टीम को 27 में कामयाबी मिली और 14 मैचों में उसे मुँह की खानी पड़ी। वहीं विराट कोहली अब तक 10 ODIs में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं।
इनमें से 8 मौकों पर जीत को सफलता मिली और 2 बार हार का सामना करना पड़ा। 34 वर्षीय रोहित शर्मा ने 19 T20Is मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की है, जिनमें से 15 में टीम को जीत मिली और 4 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। विराट कोहली का मानना है कि तीनों फॉर्मेट में कप्तान से उनकी बल्लेबाजी पर असर पड़ रहा है। फिटनेस को देखते हुए वो 6-7 साल और आराम से क्रिकेट खेल सकते हैं और भारतीय बल्लेबाजी की धुरी बन सकते हैं।
विराट कोहली की इसीलिए भी आलोचना होती रही है क्योंकि मुख्य ICC ट्रॉफीज लाने में वो असफल रहे हैं। इसी साल जून में भारतीय क्रिकेट टीम को ‘वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप’ में न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले कुछ महीनों में विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ BCCI की कुछ बैठकें भी हुई हैं, जिनमें इस बदलाव पर चर्चा हुई। व्हाइट बॉल क्रिकेट में जल्द ही ये बदलाव देखने को मिल सकता है।
#ViratKohli feels Captaincy in all formats affects his batting..
— Ramesh Bala (@rameshlaus) September 13, 2021
He wants to concentrate on his batting to become “World’s Greatest Batsman” https://t.co/RF8cGxxVQx
विराट कोहली ने अब तक 65 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की है, जिनमें से 38 में टीम को जीत मिली है। वो देश के अब तक के सबसे सफल टेस्ट कप्तान भी हैं। IPL की बात करें तो विराट कोहली ने जहाँ 132 मैचों में कप्तानी कर के 62 बार अपनी टीम RCB को जिताया है, रोहित शर्मा के मामले में ये आँकड़ा 123 में 74 का है। कोहली को 66 तो रोहित शर्मा को 49 मौकों पर हार नसीब हुई है।
2007 में ऐसा हो चुका है जब टेस्ट टीम की कप्तानी स्पिनर अनिल कुंबले के पास थी, जबकि बाकी दोनों फॉर्मैट्स में महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में कमान थी। ऑस्ट्रेलिया में स्टीव वॉ और मार्क टेलर अलग-अलग फॉर्मैट्स के कप्तान थे। पिछले दशक में ही देखें तो दक्षिण अफ्रीका में एबी डिविलियर्स और फाफ डुप्लेसी कप्तान थे। ऑस्ट्रेलिया ने तो तीनों फॉर्मैट्स में अलग-अलग कप्तान बना डाले। इंग्लैंड में भी जो रुट को टेस्ट की और मॉर्गन को बाकि फॉर्मैट्स की कप्तानी दी गई।