पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने एक ऑस्ट्रेलियाई बैट निर्माता कंपनी स्पार्टन पर मुक़दमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने अपने उत्पादों को प्रमोट करने के लिए उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल किया और उन्हें रॉयल्टी के रूप में 20 लाख डॉलर (क़रीब 14 करोड़ रुपए) का भुगतान भी नहीं किया।
दस्तावेज़ों के अनुसार, सचिन ने यह मुक़दमा 5 जून को फेडरल कोर्ट में दायर किया। सिडनी स्थित स्पार्टन स्पोर्ट्स इंटरनेशनल कंपनी ने 2016 में सचिन के नाम और फ़ोटो का इस्तेमाल अपने उत्पादों को प्रमोट करने के लिए उन्हें कम से कम 1 मिलियन डॉलर (क़रीब 7 करोड़ रुपए) का भुगतान करने की बात कही थी। सचिन तेंदुलकर ने कंपनी के उत्पादों को प्रमोट करने के लिए लंदन और मुंबई में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा भी लिया था।
ख़बर के अनुसार, दस्तावेज़ों से पता चला है कि सितंबर 2018 तक सचिन को कंपनी द्वारा किसी भी तरह का कोई भुगतान नहीं किया गया। तेंदुलकर ने बताया कि कंपनी द्वारा उन्हें भुगतान न किए जाने पर उन्होंने भुगतान के लिए औपचारिक अनुरोध भी किया। लेकिन, जब कोई जवाब नहीं आया, तो उन्होंने समझौते को समाप्त कर दिया और कंपनी से अपने नाम व फ़ोटो के इस्तेमाल करने के लिए मना कर दिया। बावजूद इसके कंपनी ने उनके नाम व फ़ोटो का इस्तेमाल करना जारी रखा। न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने इस मामले में कंपनी के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर से सवाल किए, जिसका अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया।
पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर टेस्ट और वन-डे में सबसे अधिक रन बनाकर इतिहास रचने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में 34 हज़ार से अधिक रन बनाए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने शतकों के शतक का शानदार इतिहास भी रचा है। सचिन के 24 साल के क्रिकेट करियर पर वर्ष 2013 में विराम लगा था। 2012 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक ‘ऑर्डर ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया’ का सम्माननीय सदस्य बनाया था।