इशरत जहाँ एनकाउंटर मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा को आरोप मुक्त कर दिया है। उनके अलावा पूर्व पुलिस अधिकारी एनके अमीन को भी आरोपों से मुक्त कर दिया गया। इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने दोनों पर मुक़दमा चलाने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद दोनों पूर्व पुलिस अधिकारियों ने अपने ऊपर लगे चार्जेज को हटाने की माँग की थी।
जस्टिस जेके पांड्या ने दोनों को आरोप मुक्त करते हुए कहा कि चूँकि गुजरात सरकार ने इन पर मुक़दमा चलाने की स्वीकृति नहीं दी, इसीलिए इन्हें आरोप मुक्त किया जाता है। ‘कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CRPC)’ के सेक्शन 197 के अनुसार, आधिकारिक ड्यूटी के दौरान किए गए कार्य के लिए किसी सरकारी कर्मचारी के ऊपर मुक़दमा चलाने हेतु सरकार की स्वीकृति चाहिए होती है।
Ishrat Jahan Case: Spl. CBI Court Discharges D G Vanzara and N K Amin https://t.co/DZhemN4QLY
— Live Law (@LiveLawIndia) May 2, 2019
इसके साथ ही इनके ख़िलाफ़ सारे मामले ख़त्म कर दिए जाएँगे। पुलिस बता चुकी है कि इशरत जहाँ एक आतंकी थी, जो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साज़िश रचने में शामिल थी। अहमदाबाद में चली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने दोनों के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की स्वीकृति नहीं दी है। ज्ञात हो कि मुंबई के नजदीक स्थित मुंब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत जहाँ, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर की 15 जून, 2004 को अहमदाबाद के बाहर पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी।
Ahmedabad: Special CBI Court of Justice JK Pandya accepts the applications of retired police officers DG Vanzara and NK Amin seeking dropping of proceedings against them in Ishrat Jahan fake encounter. The court had concluded hearing in the case on April 16.
— ANI (@ANI) May 2, 2019
बाद में कई लोगों ने इस एनकाउंटर को फेक बताया था। कॉन्ग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कई मौक़ों पर इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए थे। डीजी वंजारा इस मामले में 2007 से लेकर 2015 तक जुडिशल कस्टडी में थे। उन्हें 2015 में ज़मानत मिली थी। उन्हें अगस्त 2017 में सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में भी बरी किया जा चुका है।