Sunday, November 17, 2024
Homeविविध विषयअन्य'वे तलवार, पेट्रोल बम लेकर आए थे, हिंदुओं ने बचाई जान': तापसी पन्नू ने...

‘वे तलवार, पेट्रोल बम लेकर आए थे, हिंदुओं ने बचाई जान’: तापसी पन्नू ने बताया 1984 के सिख नरसंहार में कैसे बचे थे उनके पिता

तापसी बताती हैं कि एक कार की वजह से दंगाई पहचान गए थे कि उनका घर कौन सा है। इसी कारण वह उनके यहाँ तलवार, पेट्रोल बम लेकर आए। हालाँकि हिंदू पड़ोसियों ने इकट्ठा होकर दंगाइयों को मनाया कि वो परिवार जा चुका है जिसके बाद उन लोगों ने सिर्फ कार को आग लगाई और उनका परिवार बच पाया।

अभिनेत्री तापसी पन्नू ने हाल में इंटरव्यू के दौरान 1984 का सिख नरसंहार याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे दिल्ली के शक्ति नगर में उनके पिता उस समय अकेले सिख थे और अगर आस-पास हिंदू न होते तो न जाने क्या हो जाता।

द लल्लनटॉप को दिए अपने इंटरव्यू में तापसी ने बताया कि उनके परिवार के साथ उस दौरान जो हुआ उसके बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा। अपने अल्पसंख्यक समुदाय से होने का भी उन्हें बहुत बड़े होने के बाद पता चला। वह बताती हैं,

“मेरे मम्मी-पापा की तब शादी नहीं हुई थी। मेरी मम्मी पूर्वी दिल्ली में रहती थी और पापा शक्ति नगर में। जो भी मुझे उस समय का पता है वो सब मैंने उन्हीं से सुना है। मेरी मम्मी तो कहती हैं कि उनके उधर उस समय सब ठीक था। मगर शक्ति नगर में जहाँ मेरे पिता रहते थे, वहाँ हम अकेले सिख परिवार थे। हम अपने घर के बाहर जोंगा पार्क करते थे। तब हर किसी पर कार नहीं थी।”

तापसी बताती हैं कि एक कार की वजह से दंगाई पहचान गए थे कि उनका घर कौन सा है। तापसी के मुताबिक, “वे लोग तलवार, पेट्रोल बम लेकर आए। उन्हें पता था कि हम अकेले सिख परिवार हैं। हम लाइटें बंद करके घर में छिपे रहे। भागने का कोई ऑप्शन नहीं था, क्योंकि पता था सब आ चुके हैं। अगर भागते भी तो कहाँ जाते। तो हम जहाँ किराए पर रहते थे वहाँ 4 परिवार थे। हमें छोड़ बाकी तीनों हिंदू थे। हम लोग लाइट दरवाजा बंद करके छिपे और जब दंगाई हमारे दरवाजे तक आए तो आसपड़ोस के लोगों ने कहा कि अब वो लोग तो यहाँ से भाग चुके हैं। इतना सुन उन लोगों ने जोंगा को जलाया और वहाँ से चले गए।” तापसी कहती हैं, “हम बचे क्योंकि हमारे आसपास के लोगों ने हमें बचाया।”

बता दें कि सिख नरसंहार पर के अलावा तापसी पन्नू ने अपने इंटरव्यू में कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने अपनी पर्सनल और सोशल लाइफ से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।

सिख नरसंहार और ऑपरेशन ब्लू स्टार

बता दें कि 1984 में हुए सिख नरसंहार से पहले उसी साल एक बड़ी घटना पंजाब में हुई थी। ऑपरेशन ब्लू स्टार। ये ऑपरेशन इंदिरा सरकार ने उन खालिस्तानी तत्वों के सफाए के लिए कराया था जो लगातार हिंदुओं को निशाना बनाने में लगे थे और हरिमंदिर साहिब परिसर में कब्जा करके बैठ गए थे । इसी ऑपरेशन के बाद अक्टूबर में इंदिरा गाँधी को गोली मार दी गई। कॉन्ग्रेसियों ने उस घटना को एक तरफ से सिख विरोधी दंगे में बदल दिया और फिर दिल्ली में जो हुआ उसका दर्द आज भी सिख परिवारों के जहन में जिंदा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -