अप्रैल, 2022 में देश में 15,905 कंपनियाँ पंजीकृत हुईं और पिछले महीने के अंत तक कुल 14,51,401 कंपनियाँ सक्रिय थीं। यह जानकारी सरकार के आधिकारिक आँकड़ो के अनुसार सामने आईं हैं। वहीं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के नवीनतम आँकड़ो से पता चला है कि 30 अप्रैल, 2022 तक कुल 23,33,958 कंपनियाँ कंपनी कानून के तहत रजिस्टर थीं।
इनमें से 8,29,269 कंपनियाँ बंद हो गईं और 7,021 लिक्विडेशन प्रक्रिया में थी। इनके अलावा 43,851 कंपनियाँ आधिकारिक रिकॉर्ड से अलग होने की प्रक्रिया में थीं तो 2,416 कंपनियाँ ‘निष्क्रिय स्थिति’ में पहुँच गई थीं। मंत्रालय द्वारा मासिक समाचार पत्र में उपलब्ध कराए गए नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, अप्रैल के अंत में 14,51,401 सक्रिय कंपनियाँ थीं, जिनमें पिछले 18 महीनों के भीतर 2,53,131 कंपनियाँ शामिल थीं।
मंत्रालय ने कहा, “अप्रैल 2022 के दौरान कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत 851 वन परसन कंपनियों (OPCs) सहित कुल 15,905 कंपनियों को 2,316.52 करोड़ रुपए की अधिकृत पूँजी के साथ पंजीकृत किया गया था।”
बता दें कि कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय कंपनी कानून लागू कर रहा है। जिसके तहत कॉर्पोरेट मामलों के सचिव राजेश वर्मा ने इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के विभिन्न पहलुओं पर की जानकारी दी है।
उन्होंने कहा, “वर्तमान में विश्व बैंक डूइंग बिजनेस रिपोर्ट के अलावा इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी व्यवस्था के परिणामों को ट्रैक करने के लिए कोई मानक ढाँचा नहीं है और यह भी हाल ही में बंद कर दिया गया था। इसलिए, IBC द्वारा बनाए गए इन्सॉल्वेंसी ढाँचे के प्रभाव का अध्ययन करना और एक SWOT विश्लेषण करना यानी नियमित आधार पर इसकी ताकत, कमजोरियों, अवसरों और खतरों की जाँच करना महत्वपूर्ण है।”
गौरतलब है कि मोदी सरकार का स्टार्टअप पर काफी फोकस है। इसमें भी सरकार टियर-2 और टियर-3 शहरों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मंगलवार (17 मई, 2022) को राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद की बैठक में शामिल हुए और परिषद से वेंचर कैपिटल फंडिंग, क्षमता निर्माण और स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।