चीन की वायरोलॉजिस्ट (विषाणु-वैज्ञानिक) डॉ ली-मेंग यान ने एक पेपर प्रकाशित किया। इस पेपर के अनुसार उन्होंने दावा किया कि कोरोनो वायरस को चीनी वैज्ञानिकों ने एक लैब (वुहान लैब) में बनाया था।
इस खुलासे और पेपर पब्लिश होने के बाद डॉ यान को प्रतिष्ठित हॉन्ग कॉन्ग विश्वविद्यालय में अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। जान बचाने के लिए उन्हें देश छोड़ कर भी भागना पड़ा।
रविवार (13 सितंबर, 2020) को डॉ यान ने अपने ट्विटर हैंडल से तीन अन्य चीनी वैज्ञानिकों के साथ सह-लेखक के रूप तैयार किया गया पेपर ट्वीट किया था। तभी तो लोग कमेंट में पूछना शुरू कर दिए थे कि इनके अकाउंट को सस्पेंड होने में कितना समय लगेगा!
How long before the @LiMengYAN119 account is silenced
— zerohedge (@zerohedge) September 13, 2020
और अंततः यह हो ही गया।
ट्विटर ने डॉ ली-मेंग यान के अकाउंट को सस्पेंड कर ही दिया। हालाँकि ट्विटर अकाउंट के सस्पेंड होने से पहले डॉ यान के लगभग 60,000 फॉलोवर हो गए थे।
डॉ यान के ट्विटर अकाउंट का कैशे पेज आप यहाँ देख सकते हैं।
विवाद क्यों?
विश्व भर में कोविड-19 पर शोध कर रहे अन्य वैज्ञानिक अभी तक डॉ ली-मेंग यान और उनके तीन सहकर्मियों द्वारा पब्लिश किए पेपर को ऑथेंटिक नहीं मान रहे हैं। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि इनके शोध पेपर का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।