ज़ेहन में अगर कुछ कर दिखाने का जज़्बा हो, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। फिर चाहे आसमान की बुलंदी पर पहुँचना हो या फिर हो ‘मिस डेफ वर्ल्ड-2019’ का ख़िताब जीतना हो। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है यूपी की 21 वर्षीय विदिशा बलियान ने। अपनी कमज़ोरी को दरकिनार कर उन्होंने अपनी लगन और मेहनत से दुनिया को दिखा दिया कि जीत कैसे हासिल की जाती है… नाम कैसे रोशन किया जाता है…और इतिहास कैसे रचा जाता है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुज़्ज़फ़रनगर शहर की विदिशा बालियान को मिस डेफ वर्ल्ड 2019 का ताज पहनाया गया। इस ख़िताब को जीतने वाली वो पहली भारतीय हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन 22 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका के मंबेबेला में हुआ था।
Another proud moment for India ??#VidishaBaliyan becomes the FIRST Indian to win Miss Deaf World Pageant. A former International tennis player, Vidisha has also represented India in the Deaflympics.
— ALL INDIA RADIO (@AkashvaniAIR) July 29, 2019
Many congratulations to her? pic.twitter.com/vJaSh4sSSY
विदिशा बालियान एशियन एकेडमी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न की मॉडलिंग स्टूडेंट हैं। यूँ तो वो मुज़्ज़फ़रनगर की हैं लेकिन फ़िलहाल उनका परिवार गाज़ियाबाद में रहता है। उन्हें गुरुग्राम और नोएडा के ट्रेनर्स ने सौंदर्य प्रतियोगिता के लिए ट्रेन्ड किया था।
इस कॉन्टेस्ट के फ़ाइनल राउंड में भाग लेने वाले 16 देशों में से 11 फाइनलिस्ट चुने गए, जिनमें से विदिशा बालियान विजयी रहीं। उन्होंने पीठ में चोट लगने के बावजूद इस प्रतियोगिता में हिस्सा भाग लिया। इस प्रतियोगिता में एक दक्षिण अफ्रीकी महिला दूसरे नंबर की विजेता रहीं।
विदिशा अपनी जीत से काफ़ी उत्साहित दिखीं और उन्होंने कई तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की। अपनी एक तस्वीर पर उन्होंने कैप्शन लिखा कि इस ख़िताब को जीतना सपना सच होने जैसा है। उन्होंने लिखा कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो अपनी सुनने की क्षमता खो चुके हैं पर वे बेहद टैलेंटेड हैं और मौक़े डिज़र्व करते हैं।
विदिशा के बारे में बता दें कि वो बचपन से ही श्रवण-बाधित थीं। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के बारे में उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास हासिल करने और अपने व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए प्रतियोगिता में भाग लेने की प्रेरणा मिली। इस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से, मैं बधिर समुदाय को उनकी प्रतिभा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना चाहती हूँ और इस बात से परेशान नहीं होना चाहिए कि उनके पास क्या है ।”
इस प्रतियोगिता में विदिशा ने तांडव पर परफॉर्म किया था। उन्होंने अपनी परफ़र्मेंस की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर कीं। उन्होंने लिखा, “तांडव, भगवान शिव का एक शानदार नृत्य है। मुझे छोटी उम्र में ही नृत्य से लगाव था। हालाँकि मैं स्पष्ट रूप से ताल, धुन या आवाज़ नहीं सुन सकती थी। लेकिन, नृत्य करने के लिए अपने दिल और आत्मा में संगीत की आवश्यकता होती है।”
इसके अलावा, विदिशा एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने डीफ्लेम्पिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। जैसा कि उनके इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा गया है, विदिशा ने डिफ्लैम्पिक्स में 5वीं रैंक हासिल की थी जिसके बाद उन्हें पीठ में गंभीर चोट लगी थी। उसके बाद उन्होंने सौन्दर्य प्रतियोगिता में भाग लेने का फ़ैसला कर लिया। उनके फ़ैसले का परिणाम आज हम सबके सामने है, जो तालियों का हक़दार हैं।