Sunday, November 17, 2024
Homeविविध विषयअन्यउत्तराखंड त्रासदी: सुरंग के सामने आज भी अपने लोगों का इंतज़ार कर रहा है...

उत्तराखंड त्रासदी: सुरंग के सामने आज भी अपने लोगों का इंतज़ार कर रहा है ‘ब्लैकी’, हटाने पर भी आ जाता है वापस

“उसे समझ आ गया होगा कि कुछ तो असामान्य है। जगह ऐसे लोगों से भरी पड़ी थी जो उसके लिए पूरी तरह अंजान थे और उनमें से कोई भी उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था।”

हाल ही में उत्तराखंड का चमोली जिला एक भीषण प्राकृतिक आपदा की चपेट में आया, जिसकी वजह से काफी लोग प्रभावित हुए और कई लोगों को अपनी जान तक गँवानी पड़ गई। ग्लेशियर फटने की वजह से आई बाढ़ के बाद तपोवन डैम तबाह हो गया था। इस डैम के नज़दीक मौजूद सुरंग के सामने भोटिया प्रजाति का लगभग दो साल का कुत्ता देखा गया, जिसका नाम ब्लैकी बताया जा रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ब्लैकी वहाँ पिछले तीन दिनों से मौजूद है और उसे खाना देने, देखभाल करने वाले कामगारों का इंतज़ार कर रहा है। ब्लैकी वहीं पैदा हुआ था जहाँ एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन) हाईड्रल प्रोजेक्ट बनाया गया था। लिहाज़ा वह आस-पास काम करने वाले कामगारों के बीच हुआ बड़ा हुआ था। वह आम तौर पर उनके साथ ही नज़र आता था और वही उसकी देखभाल भी करते थे।

वह सुबह के वक्त आता था, कामगारों के साथ खेलता था और फिर वापस चला जाता था। रविवार (7 फरवरी 2021) को जब ब्लैकी रोज़ की तरह उसी जगह पर आया तब उसे कोई नज़र नहीं आया। टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ अजीत कुमार नाम के स्थानीय व्यक्ति ने बताया, “उसे समझ आ गया होगा कि कुछ तो असामान्य है। जगह ऐसे लोगों से भरी पड़ी थी जो उसके लिए पूरी तरह अंजान थे और उनमें से कोई भी उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था।”

वहाँ काम करने वाले रजिंदर कुमार ने इस बारे में बताया कि वो अपने काम के दौरान ब्लैकी को खाना देते थे, सोने के लिए बोरा भी देते थे। पूरे दिन भर ब्लैकी आस-पास ही रहता था और शाम के वक्त काम करने वालों के साथ ही निकलता था। बचाव कार्य के दौरान सुरक्षा टीमों ने उसे वहाँ से हटाने का प्रयास किया लेकिन वह ज़्यादा देर के लिए नहीं हटता था और बार-बार अपनी जगह पर वापस आ जाता था। 

स्थानीय लोगों ने भी उसे देखा और कहा कि वह परेशान लग रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि वह इस उम्मीद में रोज़ सुरंग के सामने बैठता है कि उससे रोज़ मिलने वाले लोग शायद वापस आ जाएँ। फ़िलहाल स्थानीय लोग उसका पूरा ख़याल रख कर रहे हैं, उसे खाना देते हैं। लोगों का कहना है कि अब तो लगभग ऐसा है जैसे उन्होंने ब्लेकी को एडॉप्ट (adopt) कर लिया है। इस घटना से एक कहावत पूरी तरह सही साबित होती है कि कुत्ते इंसानों के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं।       

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -