वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। इसके मुताबिक़ वर्ल्ड बैंक ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी है। ऐसा 4 देशों की तरफ से तथ्यों में हेरफेर करने के संदेह के कारण किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ ये 4 देश हैं- चीन, यूएई, आज़रबाइजान और सऊदी अरब शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि ये सभी देश साल 2019 में जारी की गई इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस लिस्ट में भारत से ऊपर थे। फिलहाल इन सभी देशों को निगरानी के दायरे में रखा गया है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ आँकड़ों में हेरफेर किए जाने की आशंका को देखते हुई सूची पर रोक लगाई गई है और विश्व बैंक पिछले पॉंच साल के आँकड़ों की समीक्षा कर रहा है। बताया जा रहा है कि चीन, आज़रबाइजान, यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों ने यह हेराफेरी की ताकि लिस्ट में इनका स्थान और ऊपर दिखाया जा सके। रिपोर्ट के अनुसार, “यह तथ्यों की सुचारू समीक्षा की शुरुआत है। स्वतंत्र रूप से तथ्यों का लेखा-जोखा रखने पर सही जानकारी सामने आएगी। इसकी मदद से दुनिया के तमाम देशों की वास्तविक स्थिति का अनुमान लगेगा।”
विश्व बैंक ने भी इस संबंध में कुछ अहम बातें कही हैं। विश्व बैंक ने कहा अक्टूबर 2017 और अक्टूबर 2019 में जारी की गई सूची की जानकारी प्रभावित हो सकती है। ऐसा बताया जा रहा है कि इनका लेखा-जोखा (ऑडिट) सही से तैयार नहीं किया गया था। इसलिए अक्टूबर 2020 में जारी की जाने वाली इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस की सूची देर से जारी की जाएगी।
वहीं वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, “पिछले कुछ साल में चीन, आज़रबाइजान और यूएइ की रैंकिंग में गजब का उछाल आया है। 5 साल पहले चीन 90 स्थान पर था और पिछले साल वह 31वें स्थान पर पहुँच गया। आज़रबाइजान भी इस दौरान 80 से 34वें स्थान पर आ गया। यूएई भी पाँच साल पहले इस सूची में 22वें स्थान पर था और 16वें पायदान पर आया। इनके विपरीत सऊदी अरब 49वें स्थान से 62वें स्थान पर चला गया।”
ग्लोबल डेवलपमेंट के सीनियर फेलो जस्टिन सैंडफर ने बताया, “यह रैंकिंग तब विवादित (जब निर्णय निजी रूचि से प्रभावित हों) होगी जब उन देशों को अच्छा पायदान मिलता है जिन्होंने विश्व बैंक से क़र्ज़ लिया हो। इसका साफ़ मतलब है कि या तो किसी देश का प्रदर्शन बहुत अच्छा दिखाने का दबाव है या बहुत बुरा।” उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट को खारिज कर देना चाहिए।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में जिन 4 देशों के नाम का जिक्र है वे अक्टूबर 2019 में जारी की गई इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस की सूची में भारत से ऊपर थे। सूची में भारत 63वें पायदान पर था, चीन 31वें, आज़रबाइजान 24वें, यूएई 16वें और सऊदी अरब 62वें स्थान पर था।
चीन की रैंकिंग में कुछ ज़्यादा ही बड़े पैमाने पर सुधार हुआ था।
गौर से देखने पर समझ आता है कि साल 2018 तक चीन की रैंकिंग की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। साल 2019 में अचानक से चीन 31वें स्थान पर आ गया। भारत की रैंकिंग 77 थी। बाद की रैंकिंग में उसे साल 2018 में 14 पायदान का फायदा हुआ। इसके बाद भारत को लगभग 23 पायदान का फायदा हुआ। यह सुधार बेशक उल्लेखनीय था, लेकिन 2019 में भारत 50 देशों की सूची में नहीं आ पाया था। विश्व बैंक के सर्वेक्षण के अनुसार भारत का स्कोर पहले 67.3 था और सुधार के बाद अब 71.0 हो गया।
रैंकिंग के संबंध में किए गए बदलाव के दावों के आधार पर भारत की रैंकिंग सराहनीय है। इतना ही नहीं भारत की रैंकिंग भले 4 देशों से कम थी लेकिन सूची की समीक्षा होने के बाद इस बात की पूरी उम्मीद है कि भारत की रैंकिंग में काफी सुधार हो।