भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंद्रयान-2 का सफर अपनी मंजिल से महज 2.1 किलोमीटर पहले थम गया। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से मात्र 2.1 किलोमीटर की दूरी से पहले कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया। मगर ये मिशन फेल नहीं हुआ है।
इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि 978 करोड़ रुपए के लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का सब कुछ समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि लैंडर विक्रम का संपर्क टूटने से मिशन का सिर्फ 5 फीसदी का नुकसान हुआ है। अधिकारी के मुताबिक, मिशन को सिर्फ लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर का नुकसान हुआ है, जबकि अंतरिक्ष यान का तीसरा खंड ऑर्बिटर अब भी चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहा है।
‘95% of Chandrayaan-2 intact as orbiter flying around moon’: Isro officialhttps://t.co/5GrnGIHI1C pic.twitter.com/ic4Psedk0B
— Hindustan Times (@htTweets) September 6, 2019
एक साल की मिशन अवधि वाला ऑर्बिटर चंद्रमा की कई तस्वीरें लेकर इसरो को भेजेगा। अधिकारी ने कहा कि ऑर्बिटर लैंडर की तस्वीरें लेकर भी भेज सकता है, जिससे उसकी स्थिति के बारे में पता चल सकता है।
बता दें कि चंद्रयान-2 में तीन खंड हैं -ऑर्बिटर (2379 किलोग्राम, आठ पेलोड), विक्रम (1471 किलोग्राम, चार पेलोड) और प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पेलोड)। विक्रम 2 सितंबर को आर्बिटर से अलग हो गया था। विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया।
इसरो के प्रमुख के सिवन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि आँकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। लैंडर विक्रम का संपर्क टूट जाने के बाद पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि देश को उन पर गर्व है। उन्होंने इसे देश की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। भविष्य में सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करें।
गौरतलब है कि चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को भारत के हेवी रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हिकल मार्क-3 (जीएसएलवी एमके-3) के जरिए अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था।