4 फुटबॉल मैदानों के बराबर साइज वाला एस्टेरॉयड ‘2008 GO20’ एक बार फिर पृथ्वी के करीब से गुजरने वाला है। 25 जुलाई 2021 को यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के सबसे करीब होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार पृथ्वी की ओर बढ़ रहे इस एस्टेरॉयड की गति 29,000 किमी प्रति घंटा अर्थात लगभग 8 किमी प्रति सेकंड है।
ओडिशा स्थित पथानि समंता प्लैनेटेरियम के डेप्युटी डायरेक्टर शुभेन्दु पटनायक ने बताया कि एस्टेरॉयड ‘2008 GO20’ पहले भी पृथ्वी के काफी नजदीक से गुजर चुका है। उन्होंने बताया कि इससे पहले 1935 और 1977 में भी यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से क्रमशः 19 लाख किमी और 29 लाख किमी की दूर से गुजर था। इस बार यह पृथ्वी से लगभग 45 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। एस्टेरॉयड ‘2008 GO20’ के पृथ्वी से टकराने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि चूँकि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से काफी दूर से गुजरने वाला है ऐसे में पृथ्वी से इसके टकराने की कोई गुंजाइश ही नहीं है। साथ ही उन्होंने लोगों से इस एस्टेरॉयड को लेकर बेफिक्र रहने के लिए भी कहा है।
ज्ञात हो कि एस्टेरॉयड ‘2008 GO20’ लगभग 97 मीटर चौड़ा और 230 मीटर लंबा है। इसका आकार 4 फुटबॉल मैदानों के बराबर है। इस एस्टेरॉयड की गति लगभग 29,000 किमी प्रति घंटा है। पटनायक के मुताबिक 25 जुलाई 2021 को भारतीय समयानुसार रात 11:21 मिनट पर यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा हालाँकि उन्होंने पूरे विश्वास के साथ यह कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पटनायक ने जानकारी दी है कि अब अगली बार यह एस्टेरॉयड 2034 में एक बार फिर पृथ्वी के करीब से गुजरेगा।
पटनायक ने अंतरिक्ष में एस्टेरॉयड्स की जानकारी देते हुए कहा है कि अंतरिक्ष में करोड़ों की संख्या में कई ऐसे एस्टेरॉयड मौजूद हैं जिनका आकार 1 मीटर से लेकर कई सैकड़ों किमी तक है। पटनायक ने जानकारी दी कि लाखों एस्टेरॉयड, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव से पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते हैं लेकिन अंततः घर्षण के चलते 99.9% एस्टेरॉयड पृथ्वी के वायुमंडल में ही जलकर नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने 23,628 ऐसे एस्टेरॉयड की लिस्ट तैयार की है जो पृथ्वी की ओर बढ़ रहे हैं और इनमें से मात्र 1,045 ऐसे एस्टेरॉयड हैं जिन्हें संभावित खतरे के तौर पर देखा जा रहा है।
हाल ही में 1 जून 2021 को 2021KT1 नाम का एक एस्टेरॉयड पृथ्वी के करीब से गुजरा था। 150 मीटर चौड़े और 330 मीटर लंबे इस एस्टेरॉयड की गति 65,000 किमी प्रति घंटा थी। हालाँकि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से 72 लाख किमी की दूरी से गुजरा था।