चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान चहलकदमी कर रहा है। इस दौरान वह बाधाओं को भी बखूबी पार कर रहा है। 27 अगस्त 2023 को उसके सामने चार मीटर परिधि का एक क्रेटर (गड्ढा) आ गया था, लेकिन उसने अपना रास्ता बदल लिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
दूसरी तरफ इसरो ने सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य एल-1 मिशन की लॉन्चिंग डेट की घोषणा कर दी है। आदित्य एल-1 अगले सप्ताह 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा से रवाना होगा।
2 सितंबर को लॉन्च होगा आदित्य
इसरो का बहुप्रतीक्षित आदित्य एल-1 चंद्रयान से भी 4 गुना ज्यादा दूर जाने के लिए तैयार हो चुका है। आदित्य एल-1 धरती से 1.5 मिलियन किमी दूर स्थापित होगा और वहीं से सूर्य से जुड़ी अहम जानकारियाँ साझा करता रहेगा। आदित्य एल-1 मिशन को पीएसएलवी सी-57 रॉकेट के जरिए भेजा जाएगा, जो चंद्रयान 3 की तरह ही धरती के चार चक्कर लगाने के बाद सूर्य की ओर रवाना होगा। ये सूर्य और पृथ्वी के बीच एल-1 प्वाइंट पर जाएगा, जहाँ से वो कम ईंधन में लंबे समय तक कार्य कर सकेगा।
क्या है एल-1 प्वाइंट?
पृथ्वी और सूर्य के बीच 5 ऐसे लेगरेंज प्वाइंट की तलाश की जा चुकी है, जहाँ गुरुत्वाकर्षण का दबाव कम रहेगा और यान को स्थिरता मिलेगी। फिर वो एल-1 के दायरे में रहकर पृथ्वी की तरह ही सूर्य की परिक्रमा करेगा। इस दौरान उसकी पृथ्वी से दूरी 1.5 लाख किमी होगी, जो चाँद की दूरी का चार गुना ज्यादा है। आदित्य का मुख्य काम सौर तूफानों और सूर्य से निकलने वाली उर्जा के अध्ययन का रहेगा। इस मिशन के बारे में इसरो ने ट्वीट कर पूरी जानकारी दी है।
🚀PSLV-C57/🛰️Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) August 28, 2023
The launch of Aditya-L1,
the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is scheduled for
🗓️September 2, 2023, at
🕛11:50 Hrs. IST from Sriharikota.
Citizens are invited to witness the launch from the Launch View Gallery at… pic.twitter.com/bjhM5mZNrx
चंद्रयान-3 के रोवर ने गड्ढा देख बदली चाल
एक ट्वीट में इसरो ने बताया है कि चाँद की सतह पर रोवर प्रज्ञान के रास्ते में एक गड्ढा आ गया था, लेकिन उससे कोई समस्या नहीं हुई। रोवर ने अपना रास्ता बदल लिया। इसरो ने इसे बड़ी सफलता बताया है।
इसरो के अनुसार रोवर के रास्ते में 4 मीटर की परिधि का गड्ढा आ गया था। यह उससे केवल 3 मीटर की दूरी पर था। गड्ढे में रोवर के गिरने पर उसके क्षतिग्रस्त होने का खतरा पैदा हो गया था। लेकिन रोवर को कमांड दी गई और उसने रास्ता बदल लिया। इसरो ने बताया है कि मिशन पूरी तरह से सही दिशा में जा रहा है। इसरो ने उस गड्ढे की तस्वीरें भी साझा की हैं, जिसे रोवर पर तैनात कैमरे से खींचा गया है।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 28, 2023
On August 27, 2023, the Rover came across a 4-meter diameter crater positioned 3 meters ahead of its location.
The Rover was commanded to retrace the path.
It's now safely heading on a new path.#Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/QfOmqDYvSF
चंद्रयान 3 की बेमिसाल सफलता
बता दें कि चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने 23 अगस्त को चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। भारत चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश है। चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘शिव शक्ति प्वाइंट‘ नाम दिया है। इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 के जो तीन मुख्य लक्ष्य थे, उनमें से 2 को पूरा कर लिया है और आखिरी लक्ष्य पर रोवर अभी आगे बढ़ रहा है।