महाराष्ट्र की साइबर सेल ने डीप न्यूड जैसी वेबसाइट और उसके कई संस्करणों के ख़िलाफ़ सूचना देते हुए आम जनता को चेताया है। जानकारी के मुताबिक ऐसी वेबसाइट्स सोशल मीडिया से किसी के भी द्वारा अपलोड की गई नॉर्मल फोटो को उठाती हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करके उस तस्वीर को नग्न तस्वीर बनाती हैं। बाद में इनका प्रयोग वसूली, पोर्नोग्राफी और ब्लैकमेलिंग आदि के लिए किया जाता है।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार एक साइबर पुलिस अधिकारी ने चेतावनी दी, ”साड़ी चैलेंज जैसे हालिया ट्रेंड, जिनमें महिलाएँ अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपनी तस्वीरें अपलोड करती हैं और अपने दोस्तों को टैग करती हैं, एक चेन बनाती हैं। वे आपराधिक तत्वों को डीप न्यूड जैसी वेबसाइटों का इस्तेमाल करने का मौका देती हैं। इसलिए इन वेबसाइटों से बचने के लिए बेहतर है सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग का प्रयोग किया जाए, ताकि अजनबियों को अपनी तस्वीरों तक पहुँचने से रोका जा सके।”
डीप न्यूड: साइबर क्रिमिनल्स ने फिर शुरू किया बिजनेस
बता दें मौजूदा जानकारी के अनुसार जिन विवादित प्लैटफॉर्म्स ने पिछले साल इन सब चीजों पर काम करना बंद कर दिया था, उन्होंने फिर से इस काम को अपना व्यापार बना लिया है। यानी भारतीय साइबर क्रिमिनल एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए आम यूजर्स को अपना शिकार बनाने के लिए ऐसी तस्वीरों का प्रयोग कर रहे हैं। इसके अलावा ये लोग शादीशुदा पुरुषों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। ताकि हनी ट्रैप में फँसा कर, उनसे चैट करके, तस्वीरें मँगवाकर, उनसे वसूली कर सकें और उन्हें ब्लैकमेल कर सके।
महाराष्ट्र साइबर सेल के एसपी बलसिंघ राजपूत ने बताया कि इन साइटों की निगरानी के लिए एक टीम का गठन किया गया था ताकि गंभीर अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालने का खतरा
उल्लेखनीय हैं कि रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों को साइबर क्रिमिनल्स अपराधों अंजाम देने के लिए सबसे जल्दी इस्तेमाल करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक डीप न्यूड जैसी वेबसाइट्स से सबसे बुरा खतरा ये है कि इनके अलग-अलग संस्करण मौजूद हैं। हिंदू रिपोर्ट में मुताबिक इनके संस्करण एक ऐप और यहाँ तक कि एक ट्विटर हैंडल में भी शामिल है।
बता दें, इससे पहले, सिंगापुर सरकार ने ऑनलाइन वीडियो के लिए जूम वीडियो कम्युनिकेशंस इंक की कॉन्फ्रेंसिंग ऐप के उपयोग को निलंबित कर दिया था, क्योंकि हैकर्स ने उसमें चालू एक लेसन (पाठ) को हाईजैक कर लिया था और बाद में छात्रों को अश्लील तस्वीरें दिखाए थे। जिसके बद सिंगापुर के शिक्षा मंत्रालय ने इसे गंभीर घटना बताया था और इस संबंध में 9 अप्रैल को कहा था कि वह विच्छेद की जाँच की जाँच कर रही हैं। इसके बाद सिंगा पुर के शिक्षकों ने भी ये शिकायत की थी कि कुछ अंजान लोग अचानक ऐप से जुड़ गए और नारे लगाने लगे। बता दें ताइवान ने भी इस ऐप को बैन कर दिया था और भारत सरकार ने ने भी कहा था कि ये ऐप इस्तेमाल के लिए सुरक्षित नहीं हैं।