भारत में चीनी स्मार्टफोन की बड़ी कंपनियों में से एक शाओमी इंडिया (Xiaomi) पर प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है। खबर है कि ईडी ने चीनी कंपनी से जुड़े बैंक खातों में जमा किए गए ₹5 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए जब्त कर लिए हैं। ये कार्रवाई विदेशी प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के तहत अंजाम दी गई है।
ED has seized Rs.5551.27 Crore of M/s Xiaomi Technology India Private Limited lying in the bank accounts under the provisions of Foreign Exchange Management Act, 1999 in connection with the illegal outward remittances made by the company.
— ED (@dir_ed) April 30, 2022
खबरों के मुताबिक कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जाँच को इसी साल फरवरी में शुरू किया था। ये जाँच शाओमी टेक्नॉलजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए गए अवैध लेन-देन पर शुरू हुई थी। इसके बाद इस माह की शुरुआत में पता चला था कि जाँच एजेंसी ने अपनी पड़ताल के लिए कंपनी के एक पूर्व भारतीय प्रमुख बुलाया ताकि यह निर्धारित हो सके कि क्या कंपनी की व्यावसायिक प्रथाएँ भारतीय विदेशी मुद्रा कानूनों के अनुरूप हैं या नहीं।
शाओमी ने ईडी द्वारा की गई इतनी बड़ी कार्रवाई को लेकर अपनी सफाई दी है। उनका कहना है कि कंपनी सभी भारतीय कानूनों का पालन करती है और सभी नियमों का पूरी तरह से मानती है। हम अधिकारियों के साथ इस जाँच में सहयोग कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पास सभी आवश्यक जानकारी जाएँ।
#BIG: ED, seizes 5551Cr from Xiaomi India under FEMA, for illegal outward remittance as 'royalty', sent to Chinese entities.
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) April 30, 2022
Manu Jain (ex country head) was summoned by ED 2wks back. He is currently global VP.
Seems Hawala primary & mobile mnf is secondary business of Xiaomi! pic.twitter.com/Ws7PX8AkOR
उल्लेखनीय है कि शाओमी कंपनी की भारतीय स्मार्ट फोन बाजार में 24 फीसद हिस्सेदारी है। 2021 में इस कंपनी के फोन भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले फोन में से एक थे। शुरुआत की बात करें तो साल 2014 में भारत में अपने आप को स्थापित किया था और साल 2015 से उसने पैसों की लेन-देन शुरू की थी। रिपोर्ट बताती हैं कि कंपनी ने इस दौरान तीन विदेशी आधारित संस्थाओं को 5551.27 करोड़ रुपए के बराबर विदेशी मुद्रा प्रेषित की है, जिसमें एक शाओमी की समूह ईकाई भी है। अन्य दो अमेरिकी संस्थाएँ हैं।
ईडी ने अपने बयान में बताया कि शाओमी इंडिया मोबाइल ने अपने फोन के निर्माण से लेकर उसके वितरण तक की जिम्मेदारी खुद संभाली और उन्होंने इन तीनों विदेशी कंपनियों से कभी कोई सेवा नहीं ली। लेकिन, सेवा न लेने के बावजूद इन कंपनियों को पैसे दिए जाते रहे। कंपनी ने रॉयल्टी के नाम पर विदेशी संस्थाओं को इतनी बड़ी रकम भेजी, जो सीधेतौर पर फेमा की धारा 4 का उल्लंघन है। ईडी ने आरोप लगाया कि विदेशों में पैसा भेजने के संबंध में बैंकों को भी गलत सूचना दी गई।