Sunday, December 22, 2024
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लिंग स्तंभन दोष है तो मांसाहार के बजाय दूध-फल-सब्जियों की ओर लौटिए… Cardiology Congress में पेश की गई रिसर्च

जब रिसर्च हो गया तो नतीजे चौंकाने वाले रहे। विशेषज्ञों ने यह पाया कि कम मांस या मांसाहार का सेवन नहीं करने वाले मर्दों में बेहतर रक्त प्रवाह, उच्च टेस्टोस्टेरोन के साथ-साथ लिंग स्तंभन भी शानदार रहा।

मांस खाते हैं? खाना चाहिए। चॉइस है। जोर-जबरदस्ती होनी भी नहीं चाहिए। फायदे-नुकसान तो भला किस चीज में नहीं है। वैसे एक नई स्टडी आई है। ग्रीस में एथेंस विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने यह स्टडी की है। इसके अनुसार मांस (रेड मीट) नहीं या कम खाने वाले मर्दों में स्तंभन दोष (erectile dysfunction) में सुधार की संभावना बढ़ जाती है।

इसका वैज्ञानिक कारण भी बताया गया है। बहुत सिंपल भाषा में समझिए इसे। बताया गया कि उच्च रक्तचाप (high blood pressure) वाले मर्दों में सामान्य रक्तचाप (normal blood pressure) वाले लोगों की तुलना में स्तंभन दोष की संभावना लगभग दोगुनी होती है।

इसी दोगुनी संभावना को कम करने के लिए ग्रीस में एथेंस विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने एक रिसर्च किया। रिसर्च किसी ऑपरेशन या दवाई के लिए नहीं बल्कि दैनिक खान-पान के आधार पर। इसके लिए 250 लोगों को चुना (औसत मध्यम आयु वर्ग के लोग) गया और इस रिसर्च को किया है।

जब रिसर्च हो गया तो नतीजे चौंकाने वाले रहे। विशेषज्ञों ने यह पाया कि कम मांस या मांसाहार का सेवन नहीं करने वाले मर्दों में बेहतर रक्त प्रवाह, उच्च टेस्टोस्टेरोन के साथ-साथ लिंग स्तंभन भी शानदार रहा।

किस तरह का आहार स्तंभन दोष में मददगार

भूमध्यसागरीय आहार (Mediterranean diet) में विशेष तौर पर फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, जैतून का तेल (olive oil), दूध या दूध से बने उत्पाद, फलियाँ, बादाम-काजू-अखरोट-किशमिश, पूर्ण बीज, मांस (सेवन सीमित करने पर जोर) आदि पर जोर दिया जाता है।

इस रिसर्च को ग्रीस के एथेंस विश्वविद्यालय के डॉ अथानासियोस एंजेलिस के नेतृत्व में किया गया। उन्होंने बताया:

“हमारे अध्ययन में, भूमध्यसागरीय आहार (मांसाहार कम या नहीं के बराबर) लोगों के बेहतर व्यायाम क्षमता, स्वस्थ धमनियों और रक्त प्रवाह के अलावा उच्च टेस्टोस्टेरोन के स्तर और बेहतर लिंग स्तंभन से भी जुड़ा पाया गया। यह आहार पैटर्न रक्त वाहिकाओं के कार्य को बढ़ाकर और टेस्टोस्टेरोन में गिरावट को सीमित करके उच्च रक्तचाप के साथ-साथ लिंग स्तंभन जैसे दोष को भी सुधार करने में सक्षम है।”

ग्रीस के एथेंस विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की यह रिसर्च ईएससी कॉन्ग्रेस 2021 (European Society of Cardiology Congress 2021) में प्रस्तुत की गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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