कोरोना महामारी से दुनिया 2 साल से भी अधिक समय तक जूझती रही, अब एक नए बैक्टेरिया ने सबकी टेंशन बढ़ा दी है। ये बैक्टेरिया बहुत खतरनाक है, क्योंकि ये धीमे-धीमे कर के इंसान का मांस खाने लगता है। जापान में कोरोना को लेकर जो प्रतिबंध लगे हुए थे वो कब के खत्म हो चुके हैं, ऐसे में इस बैक्टेरिया के तेज़ी से फैलने की आशंका है। इसका नाम ‘स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम’ (STSS) है। ये संक्रमण के 48 घंटे के भीतर मार डालने की क्षमता रखता है।
‘नेशनल इंस्टीटुटर ऑफ इंफेक्शियस डिजीज’ (NIID) एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिसके सिर्फ इसी साल जापान में 1000 से भी अधिक मामले आ चुके हैं। ये पिछले साल के आँकड़ों से भी ज़्यादा है। इस बीमारी के कारण मानवों के शरीर के टिश्यू टूटने लगते हैं और ऑर्गन फेल होने लगते हैं। साथ ही इसका प्रसार अनियंत्रित होने लगता है। जापान के मेडिकल समुदाय में इस ‘फ्लेश ईटिंग बैक्टेरिया’ को लेकर डर का माहौल बना हुआ है, रिसर्च जारी है।
असल में STSS एक खतरनाक संक्रमण है जो ग्रुप A स्ट्रेप्टोकोकस (GAS) बैक्टेरिया द्वारा फैलाया जाता है। इसके फैलते ही शरीर में तेज़ दर्द होता है और तेज़ बुखार से रोगी पीड़ित हो जाता है। साथ ही रक्तचाप घट जाता है। चूँकि कोरोना संबंधित प्रतिबंधों के हटने के बाद लोग अधिक से अधिक संख्या में मिलजुल रहे हैं, इसीलिए संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। 50 से अधिक उम्र के लोगों पर ये ज्यादा असर दिखाता है।
JAPAN ⚡: Rare flesh-eating bacteria that can kill in 2 days spreads in Japan 🚨🚨
— The Webb (@thewebbnews) June 16, 2024
👉Disease caused by rare flesh-eating
bacteria streptococcalthat can kill in
2 days spreads in Japan.
👉977 cases of STSS reported in Japan
this year by June 2.
👉People over… pic.twitter.com/idJahGsptp
ये बैक्टेरिया विषाक्त पदार्थ पैदा करता है, जो शरीर की क्रियाओं को प्रभावित करता है। टिश्यू ध्वस्त होने लगते हैं और शरीर सूजन का शिकार होने लगता है। व्यक्ति तेज़ दर्द से जूझने लगता है और शरीर का मांस कम होने लगता है। ये बैक्टेरिया खून में घुस जाता है, कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। इम्यून सिस्टम ध्वस्त होते ही रोगी को मौत से जूझने लगता है। जापान में स्वास्थ्य सुविधाएँ उन्नत हैं, अगर ये विकासशील या गरीब देशों में फैला तो दिक्कत हो सकती है।