केंद्र सरकार ने एक बार फिर से इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप्प को नोटिस भेजा है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने Whatsapp से एक बार फिर से कहा है कि वो अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को वापस ले। इससे पहले व्हाट्सएप्प ने बड़ी चालाकी से अपने नए अपडेट को कुछ दिनों के लिए रोक दिया था लेकिन अब इस महीने में वो फिर से उसे वापस लेकर आया है। उसने कहा था कि वो मई 15, 2021 तक इसे रोक रहा है।
अब केंद्र सरकार ने उसे भेजी गई नोटिस में कहा है कि उक्त तारीख़ तक प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को रोकने का ये अर्थ नहीं है कि वो सूचना की प्राइवेसी, डेटा की सुरक्षा और यूजर्स की पसंद नापसंद का सम्मान न करे। केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप्प को भेजी गई नोटिस में उसे याद दिलाया है कि उसकी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव और जिस तरह से FAQ सेक्शन के अंतर्गत इसे लाया गया है, वो भारतीय नागरिकों के अधिकारों और हितों को अनदेखा करता है।
ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी चल रहा है। वहाँ भी MeitY ने इंस्टेंट मैसेजिंग एप के खिलाफ यही रुख अपनाया है। उसे कह दिया गया है कि भारतीय नागरिकों की सूचनाएँ एवं डेटा की सुरक्षा व प्राइवेसी का अधिकार बहुमूल्य है और इससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। साथ ही उसे याद दिलाया गया है कि किस तरह वो यूरोप व भारत के लोगों के लिए अलग-अलग नीतियाँ लाकर अपना दोहरा रवैया दिखा रहा है।
मंत्रालय ने नोटिस में कहा, “इसमें कोई शंका नहीं है कि आप इस बात से परिचित होंगे कि कई भारतीय नागरिक अपनी रोजमर्रा के जीवन में एक-दूसरे के संवाद के लिए Whatsapp का उपयोग करते हैं। लेकिन, व्हाट्सएप्प द्वारा इसका फायदा उठा कर अपनी अनुचित शर्तें थोपना न सिर्फ समस्या पैदा करने वाला है, बल्कि गैर-जिम्मेदाराना भी है। खासकर वो शर्तें, जो यूरोप और भारत के नागरिकों में भेदभाव करती हैं।”
Government’s claim was made before a bench of Chief Justice D. N Patel and Justice Jyoti Singh during hearing of several pleas challenging WhatsApp’s new privacy policy, which according to the platform has come into effect from May 15 and has not been deferred.
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) May 18, 2021
साथ ही इस नोटिस में भारतीय संविधान व नियम-कानूनों का हवाला देते हुए Whatsapp को ये बताया गया है कि कैसे वो उनका उल्लंघन कर रहा है। साथ ही केंद्र ने चेतावनी दी है कि भारत की संप्रभु सरकार होने के नाते वो नागरिकों के हित के लिए कोई भी संवैधानिक कदम उठा सकता है। फ़िलहाल Whatsapp को 7 दिनों में इस नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि व्हाट्सएप्प की नई प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को स्वीकार न करने वाला यूजरों से इस एप का प्रयोग कर कॉल या मैसेज करने की सुविधा छीन ली जाएगी। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट में कंपनी ने कहा है कि वो जबरन ऐसा नहीं करवा रहा है क्योंकि ये अनिवार्य नहीं है। व्हाट्सएप्प पहले से ही यूजरों का डेटा अपनी पैरेंट कंपनी फेसबुक के साथ शेयर कर रहा है। व्हाट्सएप्प ने ये कह कर भी खुद का बचाव किया था कि ओला, उबेर, जोमाटो और आरोग्य सेतु जैसे एप भी यूजर्स का डेटा लेते हैं।