वैज्ञानिक रिसर्च की दुनिया में लैंगिक असमानता सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में चुनौती का विषय रहा है। लेकिन भारत सरकार अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के SERB (Science and Engineering Research Board) द्वारा संचालित POWER (Promoting Opportunities For Women in Exploratory Research) स्कीम इस परिस्थिति को बदलने की पुरजोर कोशिश कर रही है। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को वैज्ञानिक रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं, जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
भारत सरकार द्वारा साल 2020 से चलाई जा रही SERB-POWER योजना का उद्देश्य भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। इन योजनाओं के तहत महिला वैज्ञानिकों को रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके लिए उन्हें इंटरनेशनल सेमिनारों और वर्कशॉप में हिस्सा लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें रिसर्च प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व करने के लिए भी तैयार किया जा रहा है।
भारत सरकार के SERB POWER योजनाओं के दो महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जिसमें SERB POWER स्कीम के तहत SERB POWER Fellowship और SERB POWER Research Grants शामिल हैं। आइए, अब इनके बारे में विस्तार से जान लीजिए।
SERB-POWER फेलोशिप (SERB-POWER Fellowship) : यह फेलोशिप महिला वैज्ञानिकों को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करती है। इसके तहत साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में Ph.D धारक महिला वैज्ञानिकों की पहचान कर उन्हें फेलोशिप प्रदान की जाएगी। इसमें महिला वैज्ञानिक का सक्रिय वैज्ञानिक, साथ ही अच्छा शोध रिकॉर्ड होना जरूरी है। ये फेलोशिप फुल टाइम है और इसके साथ किसी अन्य सरकारी फेलोशिप का लाभ नहीं लिया जा सकता।
इसके तहत नियमित आय से इतर 15 हजार रुपए प्रतिमाह का खर्च भी दिया जाएगा। यही नहीं, इस योजना के तहत महिला वैज्ञानिक को 10 लाख रुपए प्रति वर्ष की आर्थिक मदद उसके संस्थान के माध्यम से दी जाएगी। ये फेलोशिप तीन साल के लिए है। ये फेलोशिप सिर्फ उन भारतीय नागरिकों के लिए है, जो भारत में स्थित संस्थानों में रिसर्च वर्क करेंगे। इस ग्रांट से मिले पैसों का इस्तेमाल छोटे-मोटे शोध यंत्र से लेकर घरेलू यात्रा तक में किया जा सकता है।
SERB-POWER रिसर्च ग्रांट्स: इस स्कीम के तहत उभरती और पहले से शोध कार्य में लगीं महिला वैज्ञानिकों को मदद पहुँचाई जा रही है। ये ग्रांट साइंस और इंजीनियरिंग सेक्टर में काम कर रहे अलग-अलग व्यक्ति केंद्रित शोध के लिए दी जा रही है। इसके दो हिस्से हैं, जो संस्थानों के स्तर पर अलग-अलग किए गए हैं। लेवल-1 के तहत शीर्ष संस्थानों जैसे आईआईटी, आईआईएसईआर, एनआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय और केंद्र सरकार के संस्थानों के राष्ट्रीय स्तर के लैब्स में शोध कर रही महिला वैज्ञानिकों के लिए है, जिसमें 60 लाख रुपए यानी कि सालाना 20 लाख रुपए की मदद की जा रही है।
वहीं, लेवल-2 में अन्य संस्थानों में शोध कार्य कर रही महिला वैज्ञानिकों को ये सहायता प्रदान की जाएगी, जिसकी कुल राशि तीन वर्षों में 30 लाख और सालान 10 लाख की होगी। इन ग्रांट्स के लिए महिला वैज्ञानिक SERB-CORE RESEARCH GRANT के प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकती हैं, जिसमें उनका चयन प्रोग्राम एडवायजरी कमेटी (पीएसी) द्वारा किया जाएगा।
इन ग्रांट्स का असर और भविष्य की संभावनाएँ
SERB-POWER योजनाओं को महिला वैज्ञानिकों को एसएंडआर में नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से, महिला वैज्ञानिकों को अनुसंधान परियोजनाओं का नेतृत्व करने, अनुसंधान कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेटवर्किंग करने का अवसर मिलेगा। इससे महिला वैज्ञानिकों के लिए एसएंडआर में अपना करियर बनाने और नेतृत्व करने के अवसर बढ़ेंगे।
भारत सरकार की इन पहलों का फायदा सिर्फ धन से मदद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये अकादमिक और रिसर्च संस्थानों में महिलाओं के लिए जगह बनाने और उनकी भागीदारी बढ़ाने में भी मदद करेगा।