Friday, November 8, 2024
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकी'चीन में बनी कारें न बेचे टेस्ला, भारत में निर्माण पर देंगे सहयोग': नितिन...

‘चीन में बनी कारें न बेचे टेस्ला, भारत में निर्माण पर देंगे सहयोग’: नितिन गडकरी ने बताया एलन मस्क से क्या हुई बात

नितिन गडकरी ने कहा कि वर्ष 2030 तक सरकार की योजना निजी प्रयोग में 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कारों को शामिल करने की है। वहीं, व्यापारिक क्षेत्र में प्रयोग होने वाले वाहनों में यही लक्ष्य 70 प्रतिशत और दोपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इण्डिया’ अभियान को बल देते हुए केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अमेरिकी कार निर्माता कम्पनी टेस्ला को कहा है कि वो चीन के कारखानों में बनी इलेक्ट्रिक कारें भारत में न बेचे और उनका उत्पादन भारत में शुरू करे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गडकरी ने कहा कि देश में ई-कारों के निर्माण लिए भारत टेस्ला को हर संभव सहायता करने करने के लिए तैयार है। टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क ने कुछ समय पहले कहा था कि टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च करना चाहती है, लेकिन भारत का आयात शुल्क बाकी देशों के मुकाबले कहीं अधिक है।

इसी पर जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि भारत सरकार टेस्ला की न सिर्फ इम्पोर्ट फीस कम करने की, बल्कि बाकी सहूलियतें देने पर भी विचार कर सकती है, पर उसके लिए टेस्ला को अपना कारखाना भारत में स्थापित करना होगा। इसी के साथ ही गडकरी ने भारत में इलेक्ट्रिक कार बना रही कम्पनी टाटा मोटर्स की सराहना की।

इण्डिया टुडे कॉन्क्लेव के अपने बोले गए अंश को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट भी किया है –

एक आंकड़े के अनुसार, भारत 30 लाख रुपए से अधिक मूल्य की आयातित (Import) कारों पर बीमा और परिवहन लागत सहित लगभग 100% टैक्स लगता है। यदि वाहन का मूल्य 30 लाख रुपए से कम हो तो 60% इम्पोर्ट टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। टेस्ला ने भारत सरकार से यही 100% टैक्स घटा कर 40% करने की माँग की थी।

प्रीमियर कार बाज़ार भारत में कुल कार बाजार का लगभग 7 प्रतिशत है जिसमें टेस्ला अधिक से अधिक हिस्सेदारी लेना चाहती है। मिली जानकारी के अनुसार टेस्ला कर्नाटक में अपनी मैनुफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने पर विचार भी कर रही है।

उद्योग मंडल फिक्की के कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि वर्ष 2030 तक सरकार की योजना निजी प्रयोग में 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कारों को शामिल करने की है। वहीं, व्यापारिक क्षेत्र में प्रयोग होने वाले वाहनों में यही लक्ष्य 70 प्रतिशत और दोपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इस अभियान के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मैं हिंदू हूँ इसलिए प्रोफेसर एहतेशाम 3 साल से जान-बूझकर कर रहे हैं फेल’: छात्रा के आरोप पर AMU का दावा- नकल करते पकड़ी...

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की एक हिन्दू छात्रा ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम ना होने के कारण उसे लगातार फेल किया जा रहा है।

लोकसभा की तरह महाराष्ट्र चुनाव में भी ‘वोट जिहाद’ की तैयारी, मुस्लिमों को साधने में जुटे 180 NGO: रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के बढ़ते दखल पर TISS...

महाराष्ट्र में बढ़ती मुस्लिमों की आबादी का परिणाम क्या होता है ये मई-जून में हुए लोकसभा चुनावों में हमने देखा था। तब भी मुस्लिमों को इसी तरह एकजुट करके वोट कराया गया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -