एक लम्बे अंतराल के बाद भारत एक बार फिर चंद्रमा के लिए उड़ान भरने को तैयार है। देश की अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ऐलान किया है कि 15 जुलाई को चंद्रयान-2 लॉन्च होगा। इसरो के अध्यक्ष श्री के सिवन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि चंद्रमा के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर भारत के दूसरे मिशन चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को प्रक्षेपित किया जाएगा।
Indian Space Research Organisation Chairman Dr. K Sivan: ISRO has firmed up that Chandrayaan 2 Mission will be launched on July 15 early morning at 2 hours 51 minutes. pic.twitter.com/E64eBaZfu7
— ANI (@ANI) June 12, 2019
क्या आपको पहला चंद्रयान मिशन याद है? कब लॉन्च हुआ था? दूसरे की कब तैयारी थी? क्यों देर हुआ? क्या इसके लिए कोई राजनीतिक हस्तक्षेप ज़िम्मेदार है? इन सभी सवालों के साथ ही इस समय किस तरह से इसरो प्रगति पथ पर है इन सब का जवाब कुछ सनसनी खेज खुलासों के साथ दिया है इसरो के पूर्व चेयरमैन जी माधवन नायर ने।
#LIVE | ‘Lost time due to political reasons’: Former ISRO Chief G Madhavan Nair makes big revelation over Chandrayaan-2’s delay during UPA 2. Tune in to watch the exclusive newsbreak here – https://t.co/LGCyJUEBn5 pic.twitter.com/G4q1oZqDzL
— Republic (@republic) June 13, 2019
रिपब्लिक टीवी को दिए एक विशेष इंटरव्यू में इसरो के पूर्व चेयरमैन जी माधवन नायर ने कुछ चौकाने वाले खुलासे किए कि क्यों चंद्रयान-2 को लॉन्च होने में इतना समय लगा। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि देरी का मुख्य कारण उस समय कि UPA-2 है। मनमोहन सिंह सरकार ने मार्स मिशन से लोकसभा चुनाव में अधिक फायदे की आस में चंद्रयान-2 की तैयारियों को जानबूझकर डाइवर्ट करने के लिए कहा।
Dr Subramanian Swamy is #LIVE on Republic TV following the big revelations by former ISRO chief G Madhavan Nair regarding the UPA 2 delaying the Chandrayaan-2 mission. Tune in to watch here – https://t.co/LGCyJUEBn5 pic.twitter.com/BHoGXxMRKc
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चंद्रयान-1 मिशन 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था। माधवन नायर ने कहा, जब चंद्रयान-1 लॉन्च किया गया और चंद्रयान-2, 2012 में लॉन्च के लिए लगभग तय था। और इसरो इसके लिए तैयार भी था, ज़रूरत केवल राजनीतिक सहमति की थी। लेकिन, लोकसभा चुनाव में अधिक लाभ और क्रेडिट के लिए मनमोहन सिंह सरकार ने उसे डिले कर मार्स मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कहा जबकि इसरो ऐसी संस्था है जो दोनों मिशन पर एक साथ काम करने में सक्षम है। लेकिन उस समय कि सभी तैयारियों को सिर्फ चुनावी फायदे के लिए मनमोहन सिंह सरकार ने नज़रअंदाज़ कर दिया और चंद्रयान मिशन लम्बे समय के लिए टल गया।
#LIVE | ‘I am not surprised,’ says Dr Subramanian Swamy alleging ‘UPA’s complicity with foreign powers’ following former ISRO chief G Madhavan Nair’s revelations regarding UPA 2 delaying Chandrayaan-2 mission. Tune in to watch here – https://t.co/LGCyJUEBn5 pic.twitter.com/AzRY6ELd8A
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इतना ही नहीं, माधवन नायर ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके आने से अब इसरो फ़ास्ट ट्रैक मोड में काम कर रही है। चन्द्रमा के लिए मानव मिशन एक रिस्की मिशन है, जो सफल होने पर देश को दूसरे देशों से बहुत आगे ले जाएगा, जिसके लिए इसरो तेजी से प्रयासरत है। राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव के बाद, मोदी जी ने पहल करते हुए इसरो जैसी संस्था को अपने टॉप पर परफॉर्म करने का मौका दिया। इस समय इसरो के सभी मिशन फ़ास्ट ट्रैक मोड में चल रहे हैं। माधवन ने बताया कि इस समय इसरो में हर साल लगभग 28 मिशन पर कार्य हो रहा है। लगातार इसरो नए-नए शोध और तकनीक को बढ़ावा दे रहा है। और इस सब के पीछे है मजबूत राजनीतिक नेतृत्व।
यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस ने चुनावी लाभ के राष्ट्रीय हितों से समझौता करते हुए महज चुनावी लाभ के लिए संस्थाओं को अपने तरीके से चलाया है। यहाँ भी यह साबित हो रहा है कि संस्थाओं की कार्यशैली में जितना हस्तक्षेप कर कॉन्ग्रेस ने देश की तरक्की को नुकसान पहुँचाया है उतना किसी ने नहीं।
और अब जब चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च के लिए पूरी तरह तैयार है तो जान लीजिए कि यह मिशन है क्या। चंद्रयान-2 मिशन पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है। इस मिशन में चंद्रयान-2, 3 लाख 84 हज़ार किलोमीटर की उड़ान भरेगा। यान को चाँद पर पहुँचने में 55 दिन लगेंगे।
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 दूसरा चंद्र अभियान है और इसमें तीन मॉडयूल हैं ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान)। लैंडर रोवर में समाहित रहेगा और चंद्रमा पर लैंडर के उतरने के बाद रोवर सतह पर बाहर आ जाएगा। इसरो की जानकारी के अनुसार मिशन के समय ऑर्बिटर सर्वप्रथम चंद्रमा के मंडल का चक्कर लगाएगा और फिर चंद्रमा के दक्षिण भाग पर लैंडिंग करेगा।
800 करोड़ रुपए की लगत वाला चंद्रयान-2 मिशन 3890 किलोग्राम का एक स्पेसक्राफ्ट है। जिसे GSLV-मार्क-3 द्वारा लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन का उद्देश्य चाँद की टोपोग्राफी, कंडीशन और एक्सोस्फीयर का स्टडी करना और उससे सम्बंधित डाटा इकट्ठा करना है।