उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में 109 साल के मोहम्मद शफी ने अपने मौत की भविष्यवाणी की तो उन्हें देखने वालों की भीड़ जुट गई। शफी ने बाकायदा अपनी मौत का समय भी बता दिया था। उन्होंने अपनी कब्र तक खुदवा डाली। लेकिन उनकी भविष्यवाणी झूठी साबित हुई। यह घटना 22 अक्टूबर 2021 (शुक्रवार) की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला सफ़दरजंग थाना क्षेत्र के नूरगंज गाँव का है। मोहम्मद शफी के घर जुमे के दिन यानि शुक्रवार को सुबह से ही लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। वजह शफी द्वारा की गई अपनी मौत की भविष्यवाणी थी। शफी ने कहा था कि दोपहर 1 बज कर 10 मिनट पर उनकी मौत होनी है।
मोहम्मद शफी बाकायदा नहा धो कर तैयार हो चुके थे। उन्होंने अपने लिए कब्र भी खुदवा ली थी और कफन ओढ़कर अपनी मौत का इंतजार कर रहे थे। मोहम्मद शफी का दावा था कि उन्हें लेने के लिए जन्नत से फ़रिश्ते आएँगे। जैसे-जैसे शफी द्वारा बताया गया मौत का समय नजदीक आ रहा था, वैसे-वैसे वहाँ लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी।
खबर मिलते ही पुलिस और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुँच गए। जब मोहम्मद शफी की भविष्यवाणी झूठी साबित हुई, तब वह घर लौटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद SDM सिरौली गौसपुर सुरेेंद्रपाल विश्वकर्मा सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने किसी तरह समझा-बुझा कर उन्हें घर भेजा।
इसी के साथ भीड़ भी वहाँ से चली गई। एक रिपोर्ट के अनुसार अपनी मौत की भविष्यवाणी करने वाले मोहम्मद शफी का दावा है कि वह पांच वक्त का नमाज पढ़ते हैं और उनकी मुलाक़ात जिब्राइल से हर दिन होती है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मौत 5 साल पहले ही मुकर्रर थी, लेकिन किसी वजह से नहीं हुई।
इस मामले में जब शफी के बेटों से बातचीत की गई तो उन्होंने अपने अब्बा का मानसिक संतुलन सही नहीं बताया। उनके बेटों ने कहा कि सुबह उनके अब्बा खुद की कब्र खुदवा डाले। इसी के साथ वो कफ़न पहन कर कब्रिस्तान भी पहुँच गए थे।