Saturday, November 16, 2024
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बच गई आवारा कुत्ते के हमले में घायल 1 साल की बच्ची, लेकिन चेहरे पर लग गए 115 टाँके: 36 घंटे तक चला मैराथन ऑपरेशन

एमएमजी के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश ने बताया कि लड़की के चेहरे पर कई चोटें थीं, जिसके लिए बहुत छोटे टाँके लगाने पड़े। डॉ महेंद्र और ईएनटी स्पेशलिस्ट ने मिलकर प्राथमिक सर्जरी की।

आवारा कुत्तों के हमलों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इन कुत्तों के हमलों का शिकार अक्सर छोटे बच्चे बनते हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से इसी तरह की एक और भयानक घटना सामने आई। यहाँ एक साल की बच्ची रिया पर आवारा कुत्ते ने बेरहमी से हमला कर दिया। कुत्ते के हमले में बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई थी। 36 घंटे तक चले ऑपरेशन में पीड़िता को 115 टाँके लगे हैं।

घटना शहर के विजयनगर इलाके की है। एमएमजी जिला अस्पताल में रिया नाम की बच्ची का ऑपरेशन किया गया। रविवार (20 नवंबर, 2022) को घर के बाहर खेल रही बच्ची पर कुत्ते ने हमला कर दिया था। कुत्ते ने हमले के दौरान लड़की के चेहरे से मांस तक नोच लिया था। चेहरे पर जख्म इतने गहरे थे कि बच्ची के दाँत भी बाहर से दिखने लगे थे।

‘अमर उजाला’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एमएमजी के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश ने बताया कि लड़की के चेहरे पर कई चोटें थीं, जिसके लिए बहुत छोटे टाँके लगाने पड़े। डॉ महेंद्र और ईएनटी स्पेशलिस्ट ने मिलकर प्राथमिक सर्जरी की। बच्ची को चेहरे पर लगभग सवा सौ टांके लगे हैं। ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर राकेश ने बताया कि बच्ची के चेहरे, नाक कान के पास कई स्थानों पर टेढ़े-मेढ़े घाव थे, जिन पर टाँके लगाने पड़े हैं।

बच्चे की हालत अब स्थिर है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची अगले 14-15 दिनों में सामान्य हो जाएगी। सीएमएस डॉ मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि इस तरह की सर्जरी के लिए सीरम और एंटी-रेबीज जैसे इंजेक्शन की जरूरत होती है जो सर्जरी के दौरान दिए जाने होते हैं। ये इंजेक्शन काफी महँगे होते हैं और बाहर से मँगवाए जाते हैं। इनकी आपूर्ति सरकार द्वारा नहीं की जाती है।

दूसरी ओर बच्ची के पिता ने आरोप लगाया है कि बच्ची को नोएडा के चाइल्ड पीजीआई अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि वहाँ के डॉक्टरों ने पीड़िता को किसी अन्य अस्पताल में रेफर भी नहीं किया। बच्ची के पिता का कहना है निजी अस्पताल ऑपरेशन के लिए बहुत पैसे माँग रहे थे, लेकिन एमजीएम में बेहतर इलाज हो गया। हालाँकि बच्ची के चेहरे पर घाव के निशान रह जाने का खतरा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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