मध्य प्रदेश के इंदौर में मोहर्रम (20 अगस्त) के दिन एक नाबालिग लड़की ने फाँसी लगाकर खुदकुशी कर ली। आत्महत्या करने से पहले से 15 साल की लड़की ने अपनी अम्मी से पूछा था, ”क्या इमाम हुसैन आज ही के दिन शहीद हुए थे? क्या आज जिन लोगों की मौत होगी उन्हें शहादत मिलेगी? वह जन्नत में जाएँगे?” इस सवाल के जवाब में अम्मी ने कहा- हाँ। इस दौरान उसकी अम्मी को इसका बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि उसकी बेटी कुछ ही देर बाद फाँसी लगाकर खुदकुशी कर लेगी। परिवार के लोग उसे फंदे से उतारकर तुरंत अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यह घटना शहर के रावजी बाजार क्षेत्र के चंपा बाग स्थित हाथीपाला की बताई जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 वर्षीय राबिया शेख मोहर्रम पर शुक्रवार देर शाम को अपने पूरे परिवार के रोजा खोलने बैठी थी। अम्मी ने राबिया की पसंद का खाना बनाया था, लेकिन उन्हें कहाँ पता था कि यह खुशी का पल कुछ देर में मातम में बदल जाएगा। परिवार वालों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि रोजा खोलने से पहले केवल एक सवाल उनकी बेटी को हमेशा के लिए उनसे दूर कर देगा। इस घटना के बाद से राबिया के परिवार वाले सदमे में है।
राबिया के अम्मी-अब्बू का कहना है कि कुछ दिन पहले ही उसका 11वीं क्लास में दाखिला करवाया था और दो दिन पहले उसके लिए कॉपी-किताबें खरीद कर लाए थे। वो इससे बहुत खुश थी। हमें समझ नहीं आ रहा है कि उसने ऐसा क्यों किया।
परिजनों ने आगे बताया कि कुछ साल पहले राबिया और उसकी सहेली स्कूल की तरफ से पिकनिक मनाने राऊ सर्कल के पास नखराली धाणी गई थी, जहाँ उसकी सहेली की झूले से गिरने से मौत हो गई थी। इसके बाद से हमारी बेटी बहकी-बहकी बातें करने लगी थी। वो हमेशा कहती रहती थी कि जिंदगी और मौत क्या है? हम कभी भी मर सकते हैं। हालाँकि, ऐसी बातों पर हम उसे डांटते थे, लेकिन सहेली की मौत के बाद से वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगी थी।