Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षातार काट घुसे-₹5000 एंट्री फी, ₹1500 में बंगाल में आधार कार्ड बनवाया; 5 साल...

तार काट घुसे-₹5000 एंट्री फी, ₹1500 में बंगाल में आधार कार्ड बनवाया; 5 साल से भारत में कर रहे थे अपराध: छत्तीसगढ़ में पकड़े गए बांग्लादेशी घुसपैठियों ने किया खुलासा

बांग्लादेश से घुसपैठिए दलाल को 5000 रुपए देकर भारत में घुसते थे और फिर 1500 रुपए में आधार कार्ड बनवाकर जगह-जगह चोरी को अंजाम देते थे। ये काम 12 लोगों का गिरोह पिछले 15 साल से कर रहा था। अब पुलिस ने इस मामले में 2 घुसपैठियों को पकड़ा है।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने 60 लाख रुपए अधिक की चोरी के आरोप में 2 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने पुलिस को बताया है कि वे बॉर्डर की तार काट भारत में घुसते हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल में महज 1500 रुपए में आधार कार्ड बनवाकर देश के अलग-अलग हिस्सों में चोरी करते हैं।

दरअसल, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में गत 6 अप्रैल को चोरी हुई थी। इस मामले की जाँच करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपितों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान मोहम्मद हसमत खलीफा और अल्ताफ हुसैन के रूप में हुई। पुलिस पूछताछ आरोपित हसमत खलीफा ने खुलासा करते हुए बताया है कि वह 4 महीने पहले पहली बार भारत आया था।

हसमत ने पुलिस से यह भी कहा है कि बॉर्डर से घुसपैठ करने के लिए दलाल को 5 हजार रुपए देने पड़ते हैं। इसके बाद दलाल बॉर्डर काट देता है और वे उसके नीचे से भारत में प्रवेश कर जाते हैं। फिर पश्चिम बंगाल में 1500 रुपए में आधार कार्ड बन जाता है। आरोपितों ने यह भी कहा है कि वे फेरी का काम करने के बहाने रेकी करते हैं। इसके बाद मौका मिलते ही चोरी कर फरार हो जाते। उनके इस गिरोह में 12 लोग शामिल हैं और वे लोग बीते 15 सालों से चोरी करते आ रहे हैं। इस गिरोह का मास्टरमाइंड गोकुल निषाद है। आरोपित उसके कहने पर ही चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं।

इस मामले में पुलिस कहना है कि आरोपित और उनका गिरोह बीते 5 सालों से भारत के अलग हिस्सों में चोरियाँ कर रहा था। दुर्ग में चोरी करने के बाद आरोपित बांग्लादेश भाग गए थे। हालाँकि मामले की जाँच कर रही पुलिस लगातार इन लोगों के पीछे लगी हुई थी। इस दौरान बांग्लादेश पुलिस से भी संपर्क कर इनके बारे में जानकारियाँ जुटाई जा रही थीं। इस बीच आरोपित भारत वापस आकर पश्चिम बंगाल के नरेंद्रपुर थाना क्षेत्र में एक किराए के मकान में रह रहे थे। मामले की जाँच में जुटी पुलिस ने सूचना के आधार पर छापेमार कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया है कि इनमें से एक आरोपित मोहम्मद हसमत घुसपैठ की कोशिश करते हुए यूरोप में भी पकड़ा जा चुका है। इसके अलावा, गैर कानूनी काम करने के आरोप में लीबिया में 9 महीने की सजा भी काट चुका है। चोरी के इस गिरोह को लेकर हुए खुलासे में यह भी पता चला है कि आरोपित चोरी के पैसे को हवाला के जरिए बांग्लादेश भेज देते थे। इसके लिए वह दलाल को भारतीय नोट देते थे और वह 20% कमीशन रखने के बाद बाकी का पैसा बांग्लादेश में रह रहे इनके परिवार के पास पहुँचा देता था।

क्या है मामला

दरअसल, दुर्ग जिले में स्मृति नगर इलाके में व्यवसायी सौरभ जैन के घर में 6 अप्रैल 2023 को चोरी हुई थी। इस चोरी को लेकर उन्होंने थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह अपनी पत्नी को छोड़ने ससुराल गया था। इसके बाद घर वापस आकर देखा तो बेडरूम की खिड़की टूटी हुई थी। साथ ही, अलमारी में रखे 35 लाख रुपए नकद समेत सोने-चाँदी के जेवरात व अन्य सामान गायब था। उन्होंने नकदी समेत चोरी हुए सामान की कीमत 60 लाख रुपए से अधिक बताई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -