कर्नाटक के उडुपी में शुरू हुआ हिजाब का मामले के तार कहीं दूर से जुड़ते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा लगाए जा रहे ये आरोप कि यह किसी बड़े साजिश का हिस्सा है, कुछ हद तक सच होता प्रतीत होता है। दरअसल, उडुपी के जिस कॉलेज के पास हिजाब को लेकर विवाद जारी है, वहाँ से पुलिस ने दो संदिग्धों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार संदिग्धों के नाम रज्जाब और हाजी अब्दुल मजीद बताया जा रहा है। इन दोनों के पास से पुलिस ने हथियार बरामद किए हैं। वहीं, तीन अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। हालाँकि, इस पर पुलिस का अभी तक बयान नहीं आया है। ना ही अभी तक स्पष्ट हो पाया है ये लोग कौन हैं, कहाँ से आए हैं और किसने भेजा है। इस संंबंध में ऑपइंडिया ने उडुपी नगर पुलिस थाने से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन की वेबसाइट पर दिया गया मोबाइल नंबर ऑफ मिला।
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— News Arena (@NewsArenaIndia) February 6, 2022
Police arrested Rajab & Abdul Majid for carrying weapons near Udupi college where hijab controversy is happening. Police are searching for three more suspects. pic.twitter.com/H4uww5dY5Q
बता दें हिजाब विवाद से दो महीने पहले ही उडुपी में मुस्लिमों ने हिंदुओं का बहिष्कार किया था। इसके पीछे गोहत्या का विरोध करना मुख्य कारण था। रिपोर्ट्स के अनुसार, 1 अक्टूबर 2021 को हिंदू जागरण मंच द्वारा तालुक के गंगोली में मवेशी चोरी और गोहत्या के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शन में मछुआरे, मछली विक्रेता और महिलाओं सहित हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद क्षेत्र में रहने वाले मुसलमानों ने गंगोली बाजार से मछली खरीद का बहिष्कार कर दिया था। इतना ही नहीं, लोगों को भी हिंदू मछली विक्रेताओं से मछली नहीं खरीदने के लिए उकसा रहे थे।
बता दें कि कर्नाटक के उडुपी के स्कूल से शुरू हुआ हिजाब विवाद पूरे कर्नाटक में फैल गया है। 3 फरवरी की सुबह कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी 20 से अधिक छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। पीयू कॉलेज का यह मामला सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं।
कॉलेज के प्रिंसिपल रूद्र गौड़ा ने कहा था कि छात्राएँ कॉलेज परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में इसकी इजाजत नहीं है। प्रिंसिपल के मुताबिक, कक्षा में एकरूपता बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है। इसी क्रम में मुस्लिम छात्रा ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर कॉलेज पर भेदभाव का आरोप लगाया था। हालाँकि, इस बीच इस्लामीकरण के प्रतीक हिजाब के विरोध में 2 फरवरी को उडुपी के कुंडापुर सरकारी कॉलेज के 100 से अधिक छात्र भी भगवा स्कार्फ कंधे पर डालकर कॉलेज पहुँच गए।
भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, ये बुर्का के लिए हो रहा है।