Thursday, March 28, 2024
Homeदेश-समाजजहाँ अभी हिजाब विवाद, वहाँ 2 महीने पहले मुस्लिमों ने हिंदुओं का किया था...

जहाँ अभी हिजाब विवाद, वहाँ 2 महीने पहले मुस्लिमों ने हिंदुओं का किया था बहिष्कार… गोहत्या के खिलाफ प्रदर्शन से थे नाराज

विहिप नेता ने कहा था, "हजारों वर्षों से इस समुदाय (मुस्लिमों) द्वारा देश में बहिष्कार को साजिश के तहत एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। साजिश है कि हिंदुओं को देश से अलग कर दो। इस विशेष समुदाय ने अब तक हमारे साथ होने का दिखावा करके हमारा विश्वास जीता, लेकिन अब अचानक यहाँ के व्यापारियों को कुचलने की कोशिश करने लगा।"

कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी जिले में हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेजों में जाने की इजाजत को लेकर मुस्लिम छात्राएँ प्रदर्शन (Protest Over Hijab) कर रही हैं। वहीं, कुछ महीने पहले उडुपी जिले के कुंडापुर में मुस्लिमों ने हिंदुओं से मछली खरीद का बहिष्कार कर दिया था, क्योंकि उन्होंने गोहत्या और मवेशी चोरी के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबि​क, 1 अक्टूबर 2021 को हिंदू जागरण मंच द्वारा तालुक के गंगोली में मवेशी चोरी और गोहत्या के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शन में मछुआरे, मछली विक्रेता और महिलाओं सहित हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद क्षेत्र में रहने वाले मुसलमानों ने गंगोली बाजार से मछली खरीद का बहिष्कार कर दिया था। इतना ही नहीं, लोगों को भी हिंदू मछली विक्रेताओं से मछली नहीं खरीदने के लिए उकसा रहे थे।

भाजपा बिंदूर मंडल के पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने इस घटना की निंदा की थी। उस दौरान विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने गंगोली बंदरगाह से मछली खरीदने का बहिष्कार करने वाले मुसलमानों का कड़ा विरोध जताते हुए कहा था, “गंगोली में मछली बेचने वाले मछुआरों के साथ अन्याय किया जा रहा है, उन्हें बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। मुसलमानों को हिंदू विक्रेताओं से मछली खरीदने से रोका जा रहा है, क्योंकि उन्होंने गोहत्या के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।”

इन दोनों संगठनों की कुंडापुर इकाइयों के नेताओं और नंदगोकुला काजू कारखाने के कर्मचारियों ने गंगोली मछली बाजार के मछुआरों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की थी। उन्होंने मछली बेचने वाली महिलाओं से कहा कि हिम्मत नहीं हारे। समय आने पर विभिन्न गाँवों के हिंदू मछली खरीदने के लिए गंगोली आएँगे।

विहिप के सदस्य प्रेमानंद शेट्टी ने मछली खरीद का बहिष्कार करने वाले मुस्लिमों की निंदा करते हुए कहा था कि मुसलमान ऐसा करके मछली बेचने वाली गरीब महिलाओं के साथ अन्याय कर रहे हैं। हिंदू संगठन मछली विक्रेताओं का समर्थन करने का संकल्प लेता है।

उन्होंने कहा, “हजारों वर्षों से इस समुदाय (मुस्लिमों) द्वारा देश में बहिष्कार को साजिश के तहत एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है। साजिश है कि हिंदुओं को देश से अलग कर दो, लेकिन यह साजिश नाकाम होगी। इस विशेष समुदाय ने अब तक हमारे साथ होने का दिखावा करके हमारा विश्वास जीता, लेकिन अब अचानक यहाँ के व्यापारियों को कुचलने की कोशिश करने लगा। हम मछुआरे के साथ मजबूती से खड़े हैं।”

मामला तूल पकड़ने के बाद उडुपी जिले के भाजपा महासचिव सदानंद उप्पिनकुद्रु (Sadananda Uppinakudru) ने मछुआरों को भरोसा दिलाया था कि पार्टी के सदस्य हमेशा उनका समर्थन करेंगे। और इस निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से लोग बाजार में मछली खरीदने के लिए गंगोली आएँगे। यह बहिष्कार ज्यादा दिन नहीं चलेगा।

क्या है मामला

बता दें कि कर्नाटक के उडुपी के स्कूल से शुरू हुआ हिजाब विवाद पूरे कर्नाटक में फैल गया है। 3 फरवरी की सुबह कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर के भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी 20 से अधिक छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। पीयू कॉलेज का यह मामला सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं।

कॉलेज के प्रिंसिपल रूद्र गौड़ा ने कहा था कि छात्राएँ कॉलेज परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में इसकी इजाजत नहीं है। प्रिंसिपल के मुताबिक, कक्षा में एकरूपता बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है। इसी क्रम में मुस्लिम छात्रा ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर कॉलेज पर भेदभाव का आरोप लगाया था। हालाँकि, इस बीच इस्लामीकरण के प्रतीक हिजाब के विरोध में 2 फरवरी को उडुपी के कुंडापुर सरकारी कॉलेज के 100 से अधिक छात्र भी भगवा स्कार्फ कंधे पर डालकर कॉलेज पहुँच गए।

भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, ये बुर्का के लिए हो रहा है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कॉन्ग्रेस सरकार ने रोक दिया हिन्दुओं का दाना-पानी, मैं राशन लेकर जा रहा था’: विधायक T राजा सिंह तेलंगाना में हाउस अरेस्ट, बोले –...

बकौल राजा सिंह, कॉन्ग्रेस सरकार ने चेंगीछेरला के हिन्दुओं का खाना और राशन तक बंद कर दिया है और जब वो राशन ले कर वहाँ जाने वाले थे तो उनको हाउस अरेस्ट कर लिया गया।

‘मुझे गाली दो ठीक है, अगर PM मोदी को कुछ कहा तो छोड़ूँगा नहीं’: K अन्नामलाई ने बताया क्या है उनकी ‘लक्ष्मण रेखा’, याद...

अन्नामलाई ने कहा, "अगर आप मेरा अपमान करते हैं और मुझे गाली देते हैं तो ठीक है। लेकिन, यही आप पीएम मोदी के साथ करते हैं तो मैं चुप नहीं रहूँगा।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe