गणतंत्र दिवस से पहले से पहले दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया है। जानकारी के मुताबिक़ हिरासत में लिए गए आतंकवादियों की योजना गणतंत्र दिवस पर आतंक फैलाने की थी। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अनुसार एक आतंकी जो जैश-ए-मोहम्मद का मास्टरमाइंड है और हाल में ही श्रीनगर में हुए ग्रेनेड हमले में शामिल था। वह एक बार फिर आतंकी हमले की योजना बना रहा था। इसके अलावा पुलिस ने बताया कि दोनों आतंकी गणतंत्र दिवस के मौक़े पर भीड़भाड़ वाले इलाक़े में हमला करने की साज़िश रच रहे थे।
पुलिस ने कहा कि गिरफ़्तार किए गए 29 वर्षीय अब्दुल लतीफ़ गनी और 26 वर्षीय हिलाल अहमद भट, दिल्ली आए थे। आतंकी संगठन जैश-ए-मौहम्मद ने दिल्ली सचिवालय समेत शहर में पाँच जगहों को हमले के लिए चुना था। गुर्गों ने दक्षिण दिल्ली में आईजीएल गैस पाइपलाइन, तुर्क़मान गेट, इंडिया गेट और लाजपत नगर बाज़ार में हज मंजिल इमारत आदि जगहों का मुआयना किया था और उनकी तस्वीरें लीं थी, जहाँ आईईडी (IED) रखे जाने की योजना बनाई थी।
बता दें कि गनी (Ganaie) हाल ही में बांदीपुरा में श्रीनगर और सुंबल सहित जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में हुए ग्रेनेड हमलों के मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया था। उसके मॉड्यूल ने 17 जनवरी को जीरो ब्रिज़ की घटना के साथ-साथ ही लाल चौक में हमले को अंजाम दिया था। 18 जनवरी को शोपियां में भी घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने इन जगहों की तस्वीरें उसके ख़ुद के फोन से बरामद की हैं।
DCP प्रमोद कुशवाहा के अनुसार टीमों ने दो IED, 26 कारतूस और a.32 बोर की पिस्टल बरामद की है। मॉड्यूल ने लगभग एक दर्जन IED की ख़रीद की थी जिनका पता लगा लिया गया है। गिरफ़्तारी संबंधी ऑपरेशन अभी जारी है क्योंकि इसके अलावा भी और गिरफ़्तारियाँ होने की संभावना है। विशेष सेल के मुताबिक़, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कम से कम चार संदिग्धों की पहचान की है, जिनमें से दो अन्य को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
ऑपरेशन के बारे में बताते हुए, DCP कुशवाहा ने कहा कि मिलिट्री इंटेलिजेंस की दिल्ली यूनिट से एक विशिष्ट सूचना प्राप्त हुई थी जिसके बाद लक्ष्मी नगर के JH ब्लॉक में एक घर में संदिग्ध लोगों को पर नज़र रखी जा रही थी। चौबीसों घंटे उस घर पर निगरानी रखी गई।
कुछ हफ़्तों बाद, पुलिस गनी की पहचान करने में सक्षम हो गई। 20 जनवरी को, पुलिस इन्स्पेक्टर शिव कुमार को जानकारी मिली कि गनी किसी से मिलने के लिए राजघाट पर जाएगा। पूरे क्षेत्र का अवलोकन एसीपी अत्तर सिंह की टीम ने कर लिया था। इसके बाद टीम ने गनी को राजघाट पर ही हथियार और गोलियों समेत गिरफ़्तार कर लिया।
कुशवाहा ने कहा कि ऑपरेशन कमांडर अबू मौज, जिला कमांडर तल्हा भाई और जिला कमांडर उमैर इब्राहिम के साथ अन्य घटिया सामग्री के नाम पर जैश-ए-मोहम्मद के तीन रबर स्टैम्प भी बरामद किए गए। पूछताछ के दौरान, दोनों ने खुलासा किया कि उनके पाक स्थित हैंडलर अबू मौज उर्फ़ अबू बकर ने उन्हें पिछले साल नवंबर में आईईडी (IED) प्रदान किया था।
अबू मौज के निर्देशानुसार, गनी दिसंबर में लाल चौक पर अकीब नाम के एक व्यक्ति से मिला था। आकिब दो दिनों तक गनी के घर पर रहा और फिर आईईडी, एक पिस्तौल और 30 कारतूस वितरित किए। मौज ने उनसे जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र और पुलिस बलों पर ग्रेनेड फेंकने और दिल्ली के कुछ हिस्सों में इन ग्रेनेड का इस्तेमाल करने के लिए कहा था, जिससे गणतंत्र दिवस समारोह में व्यवधान उत्पन्न हो जाए।
पूछताछ के दौरान अब्दुल लतीफ़ गनी ने आगे खुलासा किया कि वह अबू मौज के साथ टेलीग्राम और व्हाट्सएप के माध्यम से संचार में था। अब्दुल लतीफ़ गनी, हिलाल अहमद और समीर के साथ नवंबर 2018 में हवाई मार्ग से दिल्ली आए। हिलाल अहमद द्वारा टिकट की व्यवस्था की गई। उन्होंने हमलों के लिए विभिन्न स्थानों की पहचान की। गनी ने वीआईपी क्षेत्रों, धार्मिक स्थानों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठित स्थानों और फुटपाथ जैसे क्षेत्रों को का अवलोकन किया। उन्होंने तस्वीरें और वीडियो लिए और फिर उन्हें अबू मौज के पास भेजा।
जम्मू-कश्मीर में अपनी गतिविधियों के बारे में, गनी ने कहा कि उसने जम्मू और कश्मीर में आबिद नाम के शख़्स को दो हथगोले दिए थे। पुलिस ने कहा कि आबिद ने 4 जनवरी को बांदीपुरा के सुंबल में 5 आरआर के सेना के जवानों पर एक ग्रेनेड फेंका था। इसके अलावा गनी ने ख़ुलासा किया कि उन्होंने श्रीनगर में शाहबल और हिलाल अहमद भट को भी कुछ हथगोले दिए थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस को इस नेटवर्क के बारे में सूचित किया गया था और इसके बाद उसने 22 जनवरी को श्रीनगर में ग्रेनेड विस्फोट करने के आरोप में गनी के एक सहयोगी शाहबाज़ को गिरफ़्तार किया था।