अयोध्या में राम जन्मभूमि के हक में फैसला आने के बाद मथुरा में श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के लिए आवाज उठने लगी है। ऐसे में हिंदू आर्मी नामक संगठन ने भी कृष्ण जन्मभूमि आंदोलन का कुछ दिन पहले ऐलान किया था।
हिंदू आर्मी ने पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ रखी थी। इसमें वह सबको सोमवार को मथुरा पहुँचने की बात कह रहे थे। हालाँकि, इससे पहले ही रविवार की देर रात इस संगठन से जुड़े 22 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
मथुरा के आस-पास पोस्टर चिपका कर यह संगठन आंदोलन को 11 बजे से शुरू करने का ऐलान कर रहा था और हिंदुत्व समूह के सभी समर्थकों से वहाँ पहुँचने की अपील कर रहा था। द टेलीग्राफ ने इस आंदोलन को साल 2022 के चुनावों में भाजपा के एजेंडा से जोड़कर बताया है।
मथुरा के एसपी उदय शंकर ने बताया:
“स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बिना, रविवार शाम को बड़ी संख्या में हिंदू सेना के सदस्य मंदिर के पास इकट्ठे होने लगे। वे आपत्तिजनक गतिविधियों को संचालित करने की कोशिश कर रहे थे। हमने संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए उनमें से 22 को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया है।”
इसके अलावा उन्होंने बताया कि इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। अब वहाँ कोई भी आंदोलन नहीं किया जा सकता। गिरफ्तार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है। साथ ही इनके ख़िलाफ़ शांति भंग करने के लिए चालान किया जा रहा है।
बता दें कि हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव और लखनऊ महानगर के अध्यक्ष अस्करन सिंह ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर आंदोलन की शुरुआत करने का आह्वान किया था। सोमवार सुबह 11 बजे सभी को श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बुलाया गया था। मगर, प्रशासन से बिना मंजूरी के किए जा रहे आंदोलन को लेकर पुलिस सुबह से अलर्ट थी। मनीष यादव का कहना है कि उन्होंने इस आंदोलन के लिए अनुमति माँगी थी लेकिन मथुरा प्रशासन ने उन्हें अनसुना कर दिया।
उनका कहना है कि वह कृष्ण जन्मभूमि के पास से इस्लामी ढाँचे को हटवाकर चाहते हैं कि वह जमीन उन लोगों को (कृष्ण जन्मभूमि के नाम) सौंप दी जाए। बता दें, कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद और शादी ईदगाह को लेकर मामले स्थानीय कोर्ट में पेंडिंग हैं। मगर, अयोध्या में राम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद से इस माँग ने फिर जोर पकड़ा है। हिंदू संगठन मथुरा और वाराणसी में भी जमीन वापस पाने की माँग कर रहे हैं।