दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव IAS एकेडमी के बेसमेंट में अचानक पानी भर जाने से सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की डूबकर मौत हो गई है। एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम ने कई घंटों की मशक्कत के बाद दो छात्राओं और एक छात्र के शवों को बरामद कर लिया। इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। साथ ही जाँच के आदेश भी दिए गए हैं।
मृतकों की पहचान 25 वर्षीय तानिया सोनी पुत्री विजय कुमार, 25 वर्षीय श्रेया यादव पुत्री राजेंद्र यादव और 28 वर्षीय नेवीन डाल्विन के रूप में हुई है। तानिया और श्रेया उत्तर प्रदेश की रहने वाली थीं, जबकि नेवीन केरल का रहने वाला था। नेवीन JNU से PhD कर रहा था। वह बीते लगभग आठ महीने से दिल्ली के पटेल नगर में रह रहा था। घटना के वक्त वह कोचिंग की लाइब्रेरी में पढ़ने गया था।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शनिवार (27 जुलाई 2024) की शाम को इलाके में तेज बारिश हुई थी। इसके कारण कोचिंग के बेसमेंट में पानी घुस गया। कहा जा रहा है कि पानी का बहाव इतना तेज था कि कई छात्र-छात्राओं को बचने का मौका नहीं मिला और वे बेसमेंट में ही फँस कर रह गए। कहा जा रहा है कि घटना के वक्त बेसमेंट में करीब 30 विद्यार्थी थे।
घटना से प्रभावित एक छात्र ने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि वे सीढ़ियाँ नहीं चढ़ पा रहे थे। 2-3 मिनट के अंदर पूरे बेसमेंट में लगभग 12 फुट पानी भर गया। छात्र का कहना है कि निकलने के लिए वहाँ रस्सियाँ फेंकी गईं, लेकिन पानी इतना गंदा था कि कुछ भी नहीं दिख रहा था। वहाँ से एक-एक करके लोग निकाले जा रहे थे, लेकिन 2 लड़कियाँ और एक लड़का निकल नहीं पाए।
इस हादसे को लेकर एक अन्य चश्मदीद ने बताया, “राव IAS अकादमी के बेसमेंट में बायोमैट्रिक लगा हुआ है। बिना अंगूठा लाए, आप यहाँ से बाहर नहीं निकल सकते हैं। मुझे लगता है कि पानी की वजह से बायोमैट्रिक मशीन खराब हो गई थी और कोई भी बाहर नहीं निकल सका।” उसने आगे कहा, “इस हादसे के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। यहाँ के विधायक और सांसद एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं।”
पुलिस अधिकारी का कहना है कि भारी बारिश के कारण सड़क पर पहले से ही पानी भरा था। इसके कारण बेसमेंट में पानी भरने में समय नहीं लगा। कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने के बाद उसे निकालने के लिए मोटर पंप का इस्तेमाल किया गया था। बताया जा रहा है कि चार मोटर पंप के जरिए बेसमेंट से पानी निकाला गया। इसके बाद गोताखोर को उतारकर शव को निकाला गया।
फायर चीफ ऑफिसर ने कहा कि शाम 7 बजे उनके पास कॉल आई थी। उन्हें बताया गया कि कोचिंग सेंटर में पानी भर गया है और इसमें कुछ बच्चे फँसे हैं। वहाँ 5 गाड़ियाँ भेजी गईं। बेसमेंट से पानी निकाला जा रहा था, लेकिन पानी वापस बेसमेंट में जा रहा था। पानी का लेवल थोड़ा कम हुआ तो एक बच्ची का शव निकाला गया। उन्होंने कहा कि बेसमेंट में घुसा पानी बारिश और नाले का था।
राव IAS एकेडमी के बगल में अन्य कोचिंग संस्थान या दुकान-मकान हैं, लेकिन उनमें बारिश का पानी नहीं घुसा। कहा जा रहा है कि कोचिंग सेंटर के ठीक बगल में ही एक ड्रेनेज पाइप है। आशंका है कि यह पाइप फट गई, जिससे कोचिंग के बेसमेंट में बाढ़-सी आ गई और पानी इतनी तेजी से भरा कि ये 3 छात्र-छात्राएँ वहाँ से निकल नहीं पाए। हालाँकि, इसके पीछे की असली वजह की जाँच की जा रही है।
डीसीपी हर्षवर्धन ने कहा कि तीनों विद्यार्थियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। इसके साथ ही इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज करके दो लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। वहीं, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जाँच के आदेश दिए गए हैं और 24 घंटे में रिपोर्ट माँगी गई है। आतिशी ने कहा कि जिम्मेदार लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा।
इस घटना के बाद छात्रों ने प्रदर्शन भी किया है। प्रदर्शन कर रहे एक छात्र का कहना है कि उसे आपदा प्रबंधन के लोगों ने कहा कि इस घटना में 8 से 10 लोग मारे गए हैं। घटनास्थल पर भी छात्रों को जाने से रोका गया है। इससे उनमें नाराजगी है। बता दें कि पिछले सप्ताह वेस्ट पटेल नगर में बारिश के कारण जलजमाव होने और उसमें करंट दौड़ने के कारण UPSC की तैयारी कर रहे एक छात्र नीलेश की मौत हो गई थी। नीलेश इस साल मुख्य परीक्षा देने वाला था।