पंजाब के किसान और धार्मिक संगठनों का दावा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद से 400 से अधिक किसान और नौजवान लापता हैं। दिल्ली पुलिस ने इस दावे को नकार दिया है। दूसरी ओर, दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें लाल किले हिंसा के लिए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की माँग की गई थी। अदालत ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया है।
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि 26 जनवरी की हिंसा के बाद कई लोगों द्वारा अवैध बंदी और लापता होने के बारे में कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। दिल्ली पुलिस ने 44 मामले दर्ज किए हैं और अब तक 122 लोगों को गिरफ्तार किया है।
There are various rumors being spread about illegal detention and missing of many farmers post 26th January violence. Delhi Police has registered 44 cases and arrested 122 persons so far.@CPDelhi @LtGovDelhi@PMOIndia @HMOIndia #FarmersProtest pic.twitter.com/DSOAE7wuik
— #DilKiPolice Delhi Police (@DelhiPolice) February 1, 2021
पुलिस ने बताया कि 44 दर्ज मामलों और 122 गिरफ्तारी की जानकारी दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर डाल दी गई है। साथ ही बताया कि दिल्ली पुलिस की तरफ से की गई कार्रवाई पारदर्शी है, इसलिए इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।
वहीं 26 जनवरी के दिन लाल किले पर हुई हिंसक घटनाओं को लेकर दाखिल याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
याचिका सेवानिवृत्त आईपीएस ऑफिसर जोगिंदर तुली की तरफ से लगाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसक घटनाओं के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए जाएँ।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने यह कहते हुए जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि अदालत के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि पुलिस ने 26 जनवरी की घटना के सिलसिले में प्राथमिकियाँ दर्ज की हैं।
बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की माँग के समर्थन में राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को निकाली गई किसानों की ट्रैक्टर परेड अराजक हो गई थी। उस दिन प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह अवरोधक हटा दिए थे। वे पुलिस के साथ भिड़ गए थे, उन्होंने वाहन पलट दिए थे और लाल किले पर धार्मिक ध्वज लगा दिया था।
इसके बाद पंजाब से जुड़े कई किसान और धार्मिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली हिंसा के दौरान 400 से ज्यादा युवा और बुजुर्ग किसान लापता हैं। कुछ संगठनों ने यह भी आरोप लागाया कि लापता लोग दिल्ली पुलिस के हिरासत में है।
इस सिलसिले में पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखविंदर सिंह सरकारिया कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी और भारत भूषण आशु ने बजट के बाद नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने किसानों के प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए लोगों की सूची सार्वजनिक करने का आग्रह किया।
बताया जा रहा है कि लापता किसानों को ढूँढने के लिए प्रेम सिंह भंगू, राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला, अवतार सिंह, किरणजीत सिंह सेखो व बलजीत सिंह की एक कमेटी भी बनाई गई है। इसके साथ ही किसानों की ओर से एक नंबर (8198022033) भी जारी किया गया है। इस नंबर पर फोन कर लापता किसानों के बारे में जानकारी दी जा सकती है।
इससे पहले पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन नाम के एनजीओ का कहना था कि पंजाब से दिल्ली में रिपब्लिक डे की किसान परेड के लिए आए करीब सौ किसान गायब हैं। पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन के अलावा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, खालरा मिशन और पंथी तालमेल संगठन जैसे विभिन्न संगठनों ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने की घोषणा की थी।