Friday, October 11, 2024
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ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेने आए 100 दंगाई लापता, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी ने कहा- झंडा फहराना कोई अपराध नहीं

“ऐसा लगता है कि पुलिस किसानों को जान-बूझकर लाल किले तक ले गई थी। जब निशान साहिब को वहाँ फहराया गया तो हंगामा खड़ा हो गया। तिरंगे को छुआ तक नहीं गया, यह अपराध नहीं हो सकता। ज्यादातर प्रदर्शनकारियों को मौके पर अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था, तब से उनके ठिकाने का पता नहीं है।"

26 जनवरी को दिल्ली में हुड़दंग मचाने के बाद से ही पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेने वाले लगभग 100 से भी ज्यादा प्रदर्शनकारी किसान गायब हैं। इस बात की जानकारी पंजाब मानवाधिकार संगठन द्वारा दी गई है। वहीं पुलिस ने जानकारी दी है कि 18 किसानों को हिंसा में शामिल होने के चलते गिरफ्तार किया गया है। हालाँकि, बाकी के किसानों का पता नहीं चल पाया है।

लाल किले पर धार्मिक झंडे फहराए जाने और गिरफ्तार किए गए किसानों को लेकर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि “निशान साहिब सिख पहचान का प्रतीक है। झंडा फहराना अपराध नहीं बनता।”

NGO के एक कार्यकर्ता सरबजीत सिंह वेरका का कहना है, “ऐसा लगता है कि पुलिस किसानों को जान-बूझकर लाल किले तक ले गई थी। जब निशान साहिब को वहाँ फहराया गया तो हंगामा खड़ा हो गया। तिरंगे को छुआ तक नहीं गया, यह अपराध नहीं हो सकता। ज्यादातर प्रदर्शनकारियों को मौके पर अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था, तब से उनके ठिकाने का पता नहीं है।”

मामले में पुलिस का कहना है, “गिरफ्तार किए गए 18 किसानों में 7 बठिंडा जिले के तलवंडी साबो उपमंडल के तहत आने वाले बंगी निहाल सिंह गाँव के है। इन पर आरोप है कि इन्होंने लाल किले में हुई हिंसा में अपना पूर्ण योगदान दिया था। जिसके चलते किले पर राष्ट्रीय ध्वज की जगह सांप्रदायिक झंडा लहराया गया। इनके खिलाफ पश्चिम विहार पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई थी, जिसके तहत इनकी गिरफ्तारी हुई है।”

गौरतलब है कि 26 जनवरी को दंगाइयों द्वारा किए गए हिंसक घटनाओं के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, खालसा मिशन और पंथी तालमेल संगठन जैसे विभिन्न संगठनों ने भी मुफ्त कानूनी सहायता देने की घोषणा की है।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज तक न्यूज़ चैनल से बातचीत करते हुए कहा है, ”मोगा के 11 प्रदर्शनकारियों को नांगलोई पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिन्हें अब तिहाड़ जेल में डाल दिया गया है। मोगा के ही तातारी वाला गाँव (Tatarie Wala) के 12 लोग 26 जनवरी की घटना के बाद से ही गायब हैं। उनका कुछ भी अता-पता नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अलीपुर और नरेला क्षेत्र के आसपास से गिरफ्तारियाँ हुई हैं।”

वहीं गायब लोगों को जाँच पड़ताल के लिए भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान संघों को गणतंत्र दिवस परेड के बाद लापता हुए लोगों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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