गाजियाबाद से इंडोनेशिया के 10 नागरिक हिरासत में लिए गए हैं। ये तबलीगी जमात के आयोजनों में शिरकत करने आए थे। इनमें 5 महिलाएँ 5 पुरुष हैं। ये सभी लोग 10 लोग जनवरी को इंडोनेशिया से भारत आए थे। हालाँकि, इस दौरान ये लोग निज़ामुद्दीन स्थित जमात के मरकज़ में नहीं गए थे। लेकिन, देश के कई शहरों में इनका मूवमेंट रहा है। फ़िलहाल ये सभी 10 लोग साहिबाबाद इलाक़े में छिप कर रह रहे थे। पुलिस ने इन सभी को क्वारंटाइन के लिए भेजा है। इनको पनाह देने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो सकती है।
बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज़ से दो हजार से ज्यादा निकाले गए थे। करीब 1500 लोग यहॉं से देश के अलग-अलग प्रदेशों में गए हैं। इनमें से कई की अभी भी तलाश की जा रही है। मरकज देश में कोरोना संक्रमण का केंद्र बनकर उभरा है। पिछले कुछ दिनों में जो मामले सामने आए हैं उनमें से ज्यादातर जमात से जुड़े हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया कि तबलीगी जमात के सदस्य और उनके संपर्क में आए अब तक करीब 22 हजार लोग देश भर में क्वारंटाइन किए जा चुके हैं।
जाँच एजेंसियों ने देश को कोरोना संकट में डालने वाले रुढ़िवादी इस्लामी संगठन तबलीगी जमात के फंडिंग के स्त्रोत की जाँच शुरू कर दी है। जमात से फंडिंग के स्त्रोत और विदेशियों की डिटेल माँगी है। जमात ने पिछले तीन सालों में कितना टैक्स भरा है, उसके बैंक खातों में कहाँ-कहाँ से कितने पैसे आए हैं, इन सब डिटेल्स के साथ पैन नंबर का विवरण भी माँगा है। इसके अलावा मरकज प्रमुख मौलाना साद और 6 अन्य सदस्यों से उन विदेशियों और भारतीय जमातियों की लिस्ट भी माँगी गई है, जिन्होंने 12 मार्च के बाद मरकज में शिरकत की थी।
जमात के सदस्य अपनी करतूतों को लेकर भी चर्चा में है। गाजियाबाद के अस्पताल में नर्सों के सामने नंगा होकर इन्होंने हदें पार कर दी थी। इसके अलावा यूपी के अलग-अलग जिलों से जमातियों द्वारा हॉस्पिटल में बदतमीजी किए जाने की ख़बरें आ रही हैं। बिजनौर में 8 इंडोनेशियाई जमातियों ने अंडा-करी और बिरयानी की माँग की थी। साथ ही उन्होंने सफाई कर्मचारियों के साथ भी अभद्रता की थी। बस्ती और आगरा में भी बिरयानी माँग कर हॉस्पिटल कर्मचारियों को परेशान किया। मुरादाबाद में जमातियों ने दाल-रोटी खाने से इनकार कर दिया। दिल्ली के एलएनजेपी हॉस्पिटल और हैदराबाद के गॉंधी हॉस्पिटल में इनके उपद्रव के बाद पुलिस की तैनाती करनी पड़ी। इनलोगों ने सड़कों पर, अस्पतालों में, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों पर थूक कर संक्रमण तक फैलाने की कोशिश की है।