Monday, December 23, 2024
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सऊदी अरब से आकर निजामुद्दीन की मस्जिद में छिपे थे 70 कोरोना संदिग्ध जमाती: सभी को किया गया आइसोलेट, जाँच जारी

इन 50 से 70 संदिग्धों को कल देर रात डीटीसी बस से लाकर लोकनायक अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया गया। इन कोरोना संदिग्धों को पहले राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया था, मगर वहाँ पर पहले से ही सारी बेड भरी हुई थी, तो फिर पुलिस ने इन्हें लोकनायक अस्पताल में भर्ती करा दिया।

पटना, राँची और कोयंबटूर के बाद अब दिल्ली के निजामुद्दीन के पास के मस्जिद से 50 से 70 कोरोना संदिग्ध मरीजों को पकड़ा गया है। ये सभी कोरोना संदिग्ध दुबई की यात्रा करके आए थे और निजामुद्दीन की मस्जिद में छिप गए थे। 

इन 50 से 70 संदिग्धों को कल देर रात डीटीसी बस से लाकर लोकनायक अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया गया। इन कोरोना संदिग्धों को पहले राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया था, मगर वहाँ पर पहले से ही सारी बेड भरी हुई थी, तो फिर पुलिस ने इन्हें लोकनायक अस्पताल में भर्ती करा दिया। अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि ये सभी लोग निजामुद्दीन इलाके के किसी मस्जिद में रुके हुए थे। ये सभी जमात के लिए आए हुए थे। इसमें से कई लोग तो सऊदी अरब आदि देशों से भी थे। अभी फिलहाल सभी की जाँच की जा रही है। जाँच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही इस बात का खुलासा हो पाएगा कि ये सभी कोरोना पॉजिटिव हैं या नहीं।

गौरतलब है कि हाल ही में पटना की एक मस्जिद में भी कई लोग छिपे थे। स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया था तब पुलिस उन्हें वहाँ से ले गई थी। बता दें कि पटना के कुर्जी इलाके में स्थित दीघा मस्जिद में तकरीबन 12 विदेशी लोगों को छिपाकर रखा गया था। इस बात का पता चलते ही आसपास के मोहल्ले में ये खबर फैल गई और लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस भी फौरन इलाके में पहुँची और 12 विदेशियों को अपनी कस्टडी में ले लिया और क्वारंटाइन कर दिया गया।

इनसे पूछताछ में पता चला था कि सभी तजाकिस्तान के निवासी हैं और पटना में धार्मिक प्रचार प्रसार के लिए आए थे। दीघा थानेदार मनोज कुमार सिंह ने बताया था कि एहतियातन जाँच के लिए सभी को एम्स भेजा गया। ये सभी चार महीने पूर्व धार्मिक प्रचार के लिए भारत आए थे और सोमवार (मार्च 16, 2020) की सुबह नमाज के लिए दीघा मस्जिद गए थे।

ये सभी विदेशी पहले दिल्ली, फिर मुंबई में थे। इसके बाद 4 मार्च को पटना पहुँचे थे। लेकिन यहाँ इन्हें अपने काम (मजहब प्रचार) को करने के लिए अशोक राजपथ पर नूरी मस्जिद स्थित तबलिगी जमायत मुख्यालय जाना था। क्योंकि, वहीं से इन्हें किस मस्जिद में भेजना है, ये तय होता था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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