कोलकाता में मंगलवार (मई 19, 2020) को एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। यहाँ करीब 500 की तादाद में इकट्ठा सिपाहियों ने DCP पर हमला कर दिया।
अधिकारी की पहचान डीसीपी एनएस पॉल के रूप में हुई, जिन्हें कुछ अन्य पुलिस वालों ने बड़ी मशक्कत के बाद नाराज सिपाहियों से बचाया और ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, सिपाहियों का आरोप है कि एक सब इंस्पेक्टर के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बावजूद उनके बैरक को सैनिटाइज नहीं करवाया गया। सिपाहियों का ये भी आरोप है कि कंटेनमेंट जोन में ड्यूटी करने के बावजूद भी उन्हें मास्क नहीं उपलब्ध करवाए गए।
500 #constables attack DCP in #Kolkata for not santising barrack after advent of #COVID-19 cases https://t.co/7PlNWLQwuG via @NewIndianXpress
— NareshMinocha OK with #COVID post PM’s Rs20L cr (@nmleo_a1) May 20, 2020
रिपोर्ट्स की मानें तो मंगलवार को 500 सिपाहियों की भीड़ पीटीएस (पुलिस ट्रेनिंग स्कूल) के गेट पर एकत्रित हुई और हल्ला करने लगी। इस बीच, पॉल अपने निवास स्थान से निकलकर उनसे बात करने पहुँचे। मगर, इस दौरान भीड़ में मौजूद कुछ नाराज पुलिसकर्मियों ने उनपर हमला बोल दिया।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, “बातचीत करते हुए, कुछ कॉन्स्टेबलों ने पॉल को परेशान करना शुरू कर दिया। स्थिति को भाँपते हुए, वे वहाँ से भागे। लेकिन नाराज पुलिसकर्मियों ने उनका पीछा किया।”
नाराज सिपाहियों का आरोप है कि कोरोना संकट में उनकी सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। ऐसे ही एक कॉन्स्टेबल के मुताबिक, “हमारे साथ रहने वाले एक सब-इंस्पेक्टर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद, हमारी जगह को सैनेटाइज नहीं कराया गया। कुछ दिन बाद तीन और कोरोना संक्रमण के केस आ गए। फिर भी बैरक को सैनिटाइज नहीं करवाया गया। हमें नहीं पता कि हम में से कितने लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।”
उल्लेखनीय है कि इस घटना के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद मामले पर संज्ञान लिया। बुधवार की सुबह पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (घटनास्थल) पहुँचकर कॉन्सटेबल्स से इस बारे में बात की।