पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के हड़ताल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राज्य में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के बाद साथी डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी सुरक्षा की माँग कर रहे हैं। कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर बंगाल में दो प्रोफेसरों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रोफेसर सैबाल कुमार मुखर्जी ने एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल कोलकाता के प्रिंसिपल और मेडिकल सुपरिटेंडेंट के पद से इस्तीफा दिया तो वहीं, प्रोफेसर सौरभ चट्टोपाध्याय ने वाइस-प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था और अब डॉक्टर्स के इस्तीफे की झड़ी सी लग गई है। सीनियर डॉक्टर भी ममता बनर्जी के विरोध में उतर आए हैं।
#DoctorsStrike: Intensifying the protest, at least 69 doctors at Kolkata’s RG Kar Medical College and Hospital submit mass resignation.
— News18.com (@news18dotcom) June 14, 2019
They are demanding an unconditional apology from @MamataOfficial.
Follow: https://t.co/xx90KxIXOp#MedicanMayhem #SaveTheDoctors
कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के 80 डॉक्टर्स के इस्तीफा देने की खबर आ रही थी, लेकिन जानकारी के मुताबिक, अब तक कम से कम 69 डॉक्टरों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया और साथ ही उन्होंने ममता बनर्जी से कल दिए बयान के लिए के लिए बिना शर्त माफी माँगने की भी बात कही है। आर जी कर कॉलेज के डॉक्टरों का इस्तीफा यहाँ पढ़ा जा सकता है।
बता दें कि, कल ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को अल्टीमेटम देते हुए 4 घंटे में वापस काम करने पर लौटने के लिए कहा था और साथ ही कहा था कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं, पश्चिम बंगाल में हो रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली और मुंबई में भी डॉक्टर्स विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं।
Karnataka: Doctors hold protest in Bengaluru over violence against doctors in West Bengal. pic.twitter.com/NWdQrK6Dr0
— ANI (@ANI) June 14, 2019
जिस तरह से पिछले पाँच दिनों से यह सब घटित हो रहा है, और ममता सरकार का जो रवैया रहा है, लगता ही नहीं कि उन्हें सिवाय अपनी राजनीति और वोट बैंक के, डॉक्टरों की सुरक्षा या आम मरीज़ के जीवन की कोई चिंता है। ममता ने न सिर्फ इस मुद्दे को राजनैतिक रंग देने की कोशिश की, बल्कि एक आसान सी माँग पर अभी तक कुछ भी ढंग का नहीं बोल पाई है कि क्या उनकी सरकार डॉक्टरों के काम करने हेतु सुरक्षित माहौल दे सकेगी?
West Bengal: Professor Saibal Kumar Mukherjee & Professor Saurabh Chattopadhyay resign as the Principal & Medical Superintendent/Vice-Principal respectively of NRS Medical College & Hospital, Kolkata over violence against doctors at the hospital on June 10th.
— ANI (@ANI) June 13, 2019
जब कोई व्यक्ति अपने बूढ़े अब्बू की हॉस्पिटल में हुई मौत पर 200 लोगों की भीड़ ले आता है, तो पता चलता है कि प्रशासन को समाज का एक हिस्सा कैसे देखता है। उसके बाद ममता का यह कहना कि ‘पुलिस वाले भी तो मरते हैं ड्यूटी पर लेकिन उनके सहकर्मी हड़ताल नहीं करते’, एक मूर्खतापूर्ण बयान है। या फिर यह बयान उस नेत्री का है जो सोचता है कि वो कुछ भी कह सकती है क्योंकि वो चुनी हुई सरकार चला रही है।
डॉक्टरों का इस तरह से हड़ताल पर जाना और दसियों की संख्या में इस्तीफ़ा देना बताता है कि ममता सरकार में काम करते हुए सुरक्षा की उम्मीद उन्हें नहीं दिख रही। जब सरकार आपको धमकाने पर उतर आए और बुनियादी सुविधा मुहैया न करा सके तो फिर डॉक्टरों के पास ज्यादा विकल्प नहीं दिखते।