केरल के एर्नाकुलम जिले की कुन्नाथुनाडु पुलिस ने शनिवार (फरवरी 20, 2021) को 74 वर्षीय ईसाई पादरी मैथ्यू को एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपित को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने कहा कि मैथ्यू पर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट के कई प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं। कुन्नाथुनाडु पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, “ये अपराध कहाँ पर हुआ या फिर इससे संबंधित अन्य जानकारी का हम खुलासा नहीं कर सकते हैं क्योंकि इससे बच्ची की पहचान उजागर हो जाएगी।”
आरोपित मैथ्यू इडुक्की जिले के कोन्नथडी के पास मुक्कदम का निवासी है। पुलिस के अनुसार, अपराध जनवरी माह में हुआ था और लड़की की माँ ने घटना के बारे में कुन्नाथुनाडु पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने बताया कि आरोपित धार्मिक मामलों का प्रचार करने के लिए घर-घर में जाता था।
गौरतलब है कि हिंदुओं के देवी देवताओं को लात मारकर साधारण ग्रामों को ‘Christ Villages’ (क्राइस्ट विलेज) बनाने वाले ईसाई पादरी प्रवीण चक्रवर्ती को आँध्र प्रदेश की CID टीम ने 13 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया था। उसके व उसके संगठन साइलम ब्लाइंड सेंटर (Sylom Blind Centre’) के खिलाफ LRPF (Legal Rights Protection Forum) ने साल 2019 में गृह मंत्रालय में शिकायत दर्ज करवाई थी।
पादरी के ख़िलाफ़ विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और पूजा स्थल में अपराध करने के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं- 153 ए, 153 बी (1) (सी), 505 (2), 295 ए, 124 ए और 115 के तहत आरोप लगाए गए। उसके ऊपर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 f के तहत भी मामला दर्ज हुआ।
वहीं केरल के कोट्टयम के सेंट पायस कॉन्वेंट में रहने वालीं सिस्टर अभया की सदिंग्ध परिस्थितियों में मौत के 28 साल बाद तिरुवनंतपुरम की सीबीआई अदालत ने बुधवार (दिसंबर 23, 2020) को एक पादरी फादर थॉमस और नन सिस्टर सेफी को उनकी हत्या का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
सीबीआई अदालत ने प्रत्येक पर पाँच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कैथोलिक चर्च के फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) एवं 201 (सबूतों के साथ छेड़छाड़ करना) के तहत मंगलवार (दिसंबर 22, 2020) को दोषी पाया था। अदालत ने फादर कोट्टूर को भारतीय दंड संहिता की धारा 449 (अनधिकार प्रवेश) का दोषी भी पाया। फादर कोट्टूर को पूजापुरा की केंद्रीय जेल भेजा गया, जबकि सिस्टर सेफी को यहाँ अत्ताकुलनगारा महिला जेल भेजा गया।