पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में 24 घंटों में 9 नवजात बच्चों और एक 2 साल के बच्चे की मौत होने से हल्ला मच गया। परिजनों का जहाँ पूरे दिन रो रोकर बुरा हाल रहा। वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने इस संबंध में जाँच समिति गठित की। ये घटना मेडिकल कॉलेज के SNCU वार्ड की है।
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इस वार्ड में 54 बच्चों को रखने की क्षमता थी, लेकिन इसमें 100 बच्चों को एडमिट किया गया था। इसकी वजह से संभावना है कि शायद बच्चों में इंफेक्शन फैल गया।
सूत्रों के जरिए यह भी रिपोर्ट्स में बताया गया कि वार्ड के जिन बच्चों ने दम तोड़ा उनमें से तीन बच्चे ही अस्पताल में पैदा हुए थे जबकि बाकी रेफर होकर गंभीर अवस्था में हॉस्पिटल लाए गए थे। वहीं 2 साल के बच्चे के लिए बताया गया कि न्यूरॉजिकल समस्या के कारण इलाज अस्पताल में पहले से ही चल रहा था। कहा जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भेज दी है।
मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल और मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने इन मौतों की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “हमारी जानकारी के अनुसार, ये सत्य है कि अस्पताल में 9 बच्चों ने अपनी जान गवाई। हमने प्रारंभिक जाँच के लिए कमेटी गठित की है। हमें जो प्राथमिक रिपोर्ट मिली है उसके आधार पर मैं आपको बताता हूँ कि ज्यादातर बच्चे कुपोषित थे। एक बच्चे को गंभीर दिल की बीमारी थी जिसे इलाज देने के लिए हमारे पास न समय था न संसाधन।”
उन्होंने बताया, “एक अन्य समस्या जो अस्पताल को देखनी पड़ रही है वो ये कि जांगीपुर के अस्पताल में रेनोवेशन हो रहा है तो वहाँ के सारे केस यहाँ आते हैं। हम अपना उत्कृष्ट देने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन बच्चों में ज्यादातर कुपोषित होते हैं या फिर अंडरवेट। इसलिए बड़ा मुश्किल होता है ऐसे बच्चों को बचा पाना। हम मजबूर हैं एक बेड पर एकसे ज्यादा मरीज रखने पर।”