योगगुरु रामदेव ने कहा है कि भगवान राम ना सिर्फ हिंदुओं के लिए बल्कि मुस्लिमों के लिए भी पूज्य हैं, क्योंकि देश के 99 प्रतिशत मुस्लिम धर्मांतरित हैं। इसके अलावा बाबा रामदेव ने अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उसके बाद देशवासियों द्वारा जिस तरह से इस फैसले को स्वीकार किया गया है, उसकी भी तारीफ की। रामदेव ने कहा कि अयोध्या में बनने वाला मंदिर भव्य और भारतीय संस्कृति को परिलक्षित करने वाला होना चाहिए।
बाबा रामदेव ने इंडिया टुडे टीवी को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने कहा, “भगवान राम केवल हिन्दुओं के ही नहीं, बल्कि मुस्लिमों के लिए भी आदरणीय हैं। मुस्लिमों का मजहब अलग हो सकता है, लेकिन पूर्वज हमारे एक ही हैं। डीएनए हमारा एक ही है और मैं प्रमाणिकता के साथ इस बात को कहता हूँ कि 99% हिंदुस्तान के जितने भी मेरे मुस्लिम भाई हैं, उनमें मैं अपना ही स्वरूप देखता हूँ, क्योंकि वो सब कनवर्टेड मुस्लिम हैं।”
स्वामी रामदेव ने अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डेभाल के आवास पर धर्म गुरुओं की हुई बैठक का हवाला भी दिया। उन्होंने कहा कि वहॉं देश के कम से कम 15-20 बड़े और प्रतिष्ठित मुस्लिम नेता थे। उन्होंने भी मेरी बातों का समर्थन किया। बकौल रामदेव मुस्लिम नेताओं ने कहा कि वे इस बात से 100% सहमत हैं कि हमारे पूर्वज एक हैं और हमारा डीएनए एक ही है।
रामदेव ने आगे कहा कि कोई भी देश, कोई भी समाज, कोई भी मजहब अपने पूर्वज को गौरव देता है। मुस्लिमों को भी अपने पूर्वजों को गौरव देना चाहिए और साथ ही राम मंदिर निर्माण में सहयोग करना चाहिए। इसमें दुर्भावना की कोई बात नहीं है। रामदेव ने कहा कि मुस्लिम लोगों ने चाहे जिस भी कारण से अपना मजहब बदला हो, अब उस गड़े मुर्दे को उखाड़ने से कोई फायदा नहीं है। लेकिन मुस्लिम लोग भी अपने ही भाई हैं।
उन्होंने मस्जिद निर्माण में हिन्दुओं के सहयोग की बात करते हुए कहा कि मुस्लिम भाई भी अपनी इबादत कर रहे हैं, तो उनके अंदर भी हिन्दू भाई हाथ बँटाए। इससे अयोध्या में भाईचारे की एक नई मिसाल कायम हो सकती है। उन्होंने कहा कि वो इसको लेकर आशान्वित हूँ। राम मंदिर पर आए फैसले पर उन्होंने कहा, “मैं इसे राष्ट्रीय एकता के परिप्रेक्ष्य में देख रहा हूँ। जैसे ईसाइयों के लिए वेटिकन सिटी और मुस्लिमों के लिए मक्का है, वैसे ही हिन्दुओं के लिए अयोध्या में राम मंदिर को एक मुख्य तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए।” सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर टिप्पणी करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, “ओवैसी की हमेशा नकारात्मक सोच रही है और वह घृणा से भरे हुए हैं। वह हिन्दू और मुस्लिमों के बीच झगड़ा पैदा करने की कोशिश करते रहते हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता शांति और एकता बनाए रखने की है।”
उल्लेखनीय है कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (नवंबर 9, 2019) को अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला को देने का फैसला किया। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन रामलला को इसलिए दी, क्योंकि मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम रहा। कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तय करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार को दी है। इसके लिए कोर्ट ने केंद्र से तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने के लिए कहा है।