उत्तराखंड के टिहरी जनपद में कॉन्ग्रेस नेता एवं पूर्व राज्य मंत्री याकूब सिद्दीकी के भाई अब्बास सिद्दीकी एवं उसके साथ मजहबी कट्टरपंथियों के गिरोह ने एक पुलिसकर्मी मोहन सिंह नेगी, एसआई चौकी इंचार्ज ढुंगीधार, नई टिहरी के साथ बेहद अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट की। जिसके बाद सरकारी कार्य में बाधा डालने, पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार व्यापारी अब्बास सिद्दीकी को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
नई टिहरी के बौराड़ी बाजार में रविवार (नवम्बर 29, 2020) के दिन कपड़े का स्टॉल लगाने को लेकर एक व्यापारी अब्बास सिद्दीकी और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई। पुलिस ने आरोपित व्यापारी समेत 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
बौराड़ी के खुले बाजार में अब्बास सिद्दीकी और सलीम खान कपड़ों का स्टॉल लगाकर रखते हैं। रविवार को ढुंगीधार चौकी प्रभारी मोहन सिंह नेगी ने व्यापारी को सड़क किनारे से स्टॉल हटाने को कहा। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब्बास सिद्दीकी ने पुलिस को बताया कि उन्होंने तहसील प्रशासन और नगर पालिका से स्टॉल लगाने की अनुमति ले रखी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब्बास और उसके साथी सड़क पर कुर्सी लगाकर बैठे हुए थे, जिसे हटाने की बात को लेकर व्यापारियों ने पुलिसकर्मी के साथ अभद्रता की।
इसी बीच व्यापारियों और पुलिस के बीच बातचीत झड़प में तब्दील हो गई और दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। व्यापारी अब्बास सिद्दीकी के समर्थन में कॉन्ग्रेस के प्रदेश महासचिव याकूब सिद्दीकी समेत समुदाय विशेष के लोग मौके पर पहुँचे और उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। अब्बास और उसके साथियों ने पुलिस से मारपीट और अभद्रता करते हुए उल्टा पुलिसकर्मियों पर ही उत्पीड़न करने का आरोप भी लगाया है।
पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने और कार्रवाई में बढ़ा डालने के आरोप में पुलिस अब्बास सिद्दीकी को थाने लेकर गई जहाँ अब्बास समेत 10 अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया गया।
सोमवार 30 नवंबर, 2020 को आरोपितों को न्यायलय में पेश किया गया। कोतवाली निरीक्षक चंदन सिंह चौहान के अनुसार, पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट के आरोप में गिरफ्तार व्यापारी अब्बास सिद्दीकी को सीजेएम की अदालत में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया है। जिन 10 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है उनकी शिनाख्त की जा रही है और जल्द ही अन्य सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
वहीं, व्यापारी अब्बास सिद्दीकी और उसके भाई याकूब सिद्दीकी ने भी पुलिस पर मारपीट करने और झूठे मुकदमा में फंसाने का आरोप लगाया है। व्यापारी के समर्थन में कॉन्ग्रेस के प्रदेश महासचिव के साथ अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कलक्ट्रेट में बेमियादी धरना शुरू कर दिया है। उनकी माँग है कि यह केस वापस किया जाए। साथ ही, कथित अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर काफी रोष देखा जा रहा है। दरअसल, टिहरी गढ़वाल एक पहाड़ी जिला है, जहाँ पर मजहब विशेष के कुछ लोग काफी समय से निवास करते आ रहे हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कुछ गिनी-चुनी जगहों पर ही मजहब विशेष की आबादी रहती है।
लोगों का आरोप है कि विगत कुछ समय में पहाड़ों की बदलती डेमोग्राफी और सामाजिक अपराध में इस समुदाय का योगदान बढ़ रहा है जिसको लेकर सरकार को कुछ कठोर कदम उठाने चाहिए। यही नहीं, अक्सर सोशल मीडिया पर पहाड़ी युवा ‘लैंड-जिहाद’ की साजिश को भी उजागर करते रहे हैं।
कट्टपंथीयों द्वारा टिहरी में दरोगा के साथ मारपीट देवभूमि उत्तराखंड के लिए शुभ संकेत नहीं ।🔥🔥
— DILIP KR SINGH🇮🇳 चौकीदार 🐾 (@DILIPKRSINGH303) December 1, 2020
प्राप्त विवरण के अनुसार कांग्रेस नेता एवं पूर्व राज्य मंत्री याकूब सिद्दीकी के भाई अब्बास सिद्दीकी एवं उसके साथ कट्टपंथीयों के गिरोह ने मनोज सिंह नेगी एस आई चौकी इंचार्ज डूगीधार pic.twitter.com/PPPqatcLBK