पंजाब के गुरदासपुर के पास एक गाँव के गुरुद्वारे में सेना के जवान दीपक सिंह ठाकुर की लिंचिंग के मामले में नई जानकारी सामने आई है। दरअसल दीपक पानी पीकर गुरुद्वारे से बाहर चले गए थे लेकिन आरोपित उन्हें दोबारा गुरुद्वारे लेकर आए जहाँ उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह ने ऑपइंडिया से बातचीत करते हुए मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुरद्वारा साहिब के ग्रन्थी जसपिंदर सिंह ने गुरुद्वारा परिसर के अंदर दीपक को देखा। इसके बाद जसपिंदर ने दीपक को जाने के लिए कह दिया था और दीपक वहाँ से चले भी गए थे। हालाँकि जब गुरुद्वारे के दूसरे सदस्य आए, जिनमें आरोपित दलजीत सिंह भी शामिल है, तो उनसे जसपिंदर ने दीपक के बारे में बताया और कहा कि उन्होंने कथित तौर पर ईशनिंदा की है।
RAW FOOTAGE OF DEEPAK THAKUR GETTING ASSAULTED
— #Justicefordeepakthakur (@ManasUnknown) July 11, 2021
PERSON WHO SLAP DEEPAK THAKUR IS DILJIT SINGH KASHMIRI
A BURHAN WANI SYMPATHIZER #JusticeForDeepakThakur pic.twitter.com/hgaqkEmdhv
यह सुनकर वो सभी दीपक को ढूँढने के लिए बाहर गए। दीपक उन्हें एक दूसरे गुरुद्वारा के सामने खड़े मिले जहाँ से उन्हें मोटरसाइकिल पर बैठाकर दोबारा गुरुद्वारे लाया गया जहाँ कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में सामने आए सीसीटीवी फुटेज में यह दिखाई दे रहा है कि दीपक को मोटरसाइकिल पर बैठकर लाया जा रहा है। फुटेज में दीपक को दो आदमियों के बीच बैठे हुए देखा जा सकता है। सीसीटीवी फुटेज में गुरुद्वारा तेहेल सिंह के सामने खड़े दीपक को जसपिंदर सिंह और दलजीत सिंह कश्मीरी द्वारा थप्पड़ मारते हुए भी देखा गया। गुरजीत सिंह, हरजीत कौर और दरकीरत सिंह एक ही परिवार के हैं जो टिबरी चौक पर गुरुद्वारा चलाते हैं।
इस मामले में छठवें आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया गया है जो गुरु नानक नगर एवेन्यू कॉलोनी का रहने वाला है और अभी नाबालिग है। आरोपित की उम्र 16 वर्ष है जिसे होशियारपुर की किशोर अदालत में पेश किया गया जहाँ से उसे किशोर (juvenile) केंद्र भेज दिया गया। पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपितों में दलजीत सिंह कश्मीरी उर्फ बॉबी, गुरजीत सिंह, हरजीत सिंह, दरकीरत सिंह और जसपिंदर सिंह भी शामिल हैं। इस मामले में जाँच के लिए एक एसआईटी का भी गठन किया गया है।
ज्ञात हो कि 01-02 जुलाई 2021 की रात भारतीय सेना के जवान दीपक सिंह की हत्या कर दी गई थी। रिपोर्टों के अनुसार पठानकोट निवासी दीपक सिंह पानी पीने गुरुद्वारे में गए थे। लेकिन गुरुद्वारे के प्रबंधक और उसके साथियों ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी थी। गंभीर अवस्था में दीपक को अस्पताल में भर्ती किया गया था जहाँ उनकी मौत हो गई थी। दीपक अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे और 6 महीने बाद अपने घर लौट रहे थे। हालाँकि पुलिस इस मामले में लगातार ईशनिंदा की बात को नकार रही थी लेकिन कट्टरपंथियों द्वारा यह कहा गया कि दीपक सिंह के द्वारा कथित तौर पर ईशनिंदा की गई है और उनकी हत्या को भी जायज ठहराया गया। इस लिंचिंग में आरोपितों के खालिस्तानियों के साथ संबंध भी सामने आए थे।