मराठी और हिंदी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता विक्रम गोखले ने अभिनेत्री कंगना रनौत के ‘भीख में आजादी’ वाले बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत ने जो कहा वह उससे सहमत हैं। विक्रम गोखले महाराष्ट्र के पुणे में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुँचे थे। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि भारत को कभी भी ‘हरा’ नहीं होना चाहिए और इसे ‘भगवा’ बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए।
I agree with what Kangana Ranaut has said. We got freedom in alms. It was given. Many freedom fighters were hanged and the big-wigs at that time didn’t attempt to save them. They remained mere mute spectators: Actor Vikram Gokhale in Pune pic.twitter.com/4gBSYwFjqf
— ANI (@ANI) November 14, 2021
विक्रम गोखले ने कहा, “कंगना रनौत ने जो कहा मैं उससे सहमत हूँ। हमें भीख में आजादी मिली। यह दिया गया था। बहुत से स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें फाँसी दी गई थी, बड़े-बड़े लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की। वे मूकदर्शक बने रहे।” गोखले ने बाद में इंडियन एक्सप्रेस से भी कहा, “कंगना रनौत ने जो कहा, उससे मैं भी सहमत हूँ कि हमें 2014 में असली आजादी मिली थी।”
हालाँकि गोखले ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंधभक्त नहीं हैं। उन्होंने कहा, “जब पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चुनाव प्रचार पर जाते हैं, तो मैं उनकी बातों से सहमत नहीं होता। लेकिन हाँ, जब वे राष्ट्रहित में काम करते हैं, जैसे कि जिस तरह से उन्होंने चीन को बैकफुट पर पहुँचा दिया है, तो मैं उनका समर्थन करता हूँ।”
वहीं कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा कंगना का समर्थन करने पर बीजेपी ज्वाइन कर लेने की सलाह पर गोखले ने कहा कि ये उनके निजी विचार हैं, इससे किसी राजनीतिक पार्टी का कोई सरोकार नहीं है। सभी पार्टियाँ एक जैसी हैं।
बता दें कि कंगना रनौत पिछले दिनों एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुँची थीं जहाँ उन्होंने 1947 में मिली आजादी को ‘भीख’ बताया था। उनका मानना था कि देश में असली आजादी 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद आई है। गोखले ने कंगना के इसी बात का समर्थन किया है।
महाराष्ट्र की राजनीति पर विक्रम गोखले ने कहा, “भाजपा और शिवसेना को एक साथ आना चाहिए। मैंने बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुख्यमंत्री पद साझा करने की शर्तों पर दोनों पार्टियों के बीच संभावित गठबंधन पर सवाल भी पूछा था। दोनों पार्टियों को लोगों का विश्वास जीतने की कोशिश करनी चाहिए। मुझे लगता है कि राजनीतिक पार्टियों को लोगों को धोखा नहीं देना चाहिए क्योंकि लोग उन्हें सजा दे सकते हैं।”