अफगानिस्तान (Afghanistan) से शरणार्थी बनकर भारत आए जरीफ बाबा की मंगलवार (5 जुलाई 2022) को पैसे के लेन-देन में सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने गुरुवार (7 जुलाई 2022) को एक शख्स को हिरासत में लिया है।
शरणार्थी होकर भी जरीफ करोड़ों की संपत्ति जमाकर चुका था और उसे इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) की नजर थी। वह खुद को अमेजर के मोइनुद्दीन चिश्ती का वंशज बताता था और झाड़-फूँक के साथ-साथ कीमती पत्थरों का धंधा करता था।
महाराष्ट्र के नासिक के पास येवला के औद्योगिक उपनगर चिचोंडी खुर्द में जरीफ बाबा की मंगलवार की देर रात कुछ लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में जरीफ के ड्राइवर और अटेंडेंट भी शामिल बताए जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने गुरुवार (7 जुलाई 2022) को एक शख्स को गिरफ्तार किया है। वहीं, अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
30-32 (अलग-अलग रिपोर्ट के अनुसार) साल का जरीफ साल 2017 में तालिबान से खतरा बताकर भारत आया था। उसने इतने कम समय में करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली थी। अभी तक ज्ञात उसकी 4 करोड़ की संपत्ति का पता चला है। वहीं, पुलिस का मानना है कि उसकी और संपत्ति हो सकती है।
कौन है जरीफ बाबा
जरीफ बाबा या सूफी बाबा के नाम से मशहूर जरीफ खुद को चिश्ती सूफी घराने का बताता था। वह अपना पूरा नाम ख्वाजा सैयद जरीफ चिश्ती मोउनुद्दीन था। बताया जाता है कि जरीफ का जन्म अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में हुआ था।
जन्म के बाद वह परिवार सहित अफगानिस्तान की राजधानी काबुल आ गया। उसके बाद उसने उसने पारिवारिक बिजनेस करना शुरू किया। हालाँकि ये बिजनेस क्या था, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन इस सिलसिले में वह ब्रिटेन से लेकर खाड़ी देशों के संपर्क में था। कहा जाता है कि बाद में वह सूफी धर्मगुरु का काम करने लगा।
तालिबान से खतरा होने के बाद वह पाकिस्तान चला गया और वहाँ से फिर ईरान। इसके बाद वह साल 2017 में भारत आ गया। भारत आने के बाद वह कुछ समय तक दिल्ली में रहा। उसके बाद वह कर्नाटक आ गया और पिछले दो साल से वह नासिक के येवला के एक छोटे से गाँव में रह रहा था।
जरीफ सोशल पर दो यूट्यूब अकाउंट चलाता था। इन अकाउंट से उसके लाखों फॉलोअर जुड़े थे। हर रोज उसके पास दर्जनों लोग अपनी-अपनी समस्याओं के निदान के लिए आते थ। वह अलग-अलग दिन नासिक, कर्नाटक और अजमेर की मजारों में जाया करता था और हजारों लोगों से मिला करता था।
कमाई का जरिया
उसकी कमाई का मुख्य जरिया उसके पास ईलाज कराने आने वाले लोग और यूट्यूब चैनल था। इससे वह लाखों रुपए कमाता था। पिछले कुछ समय से वह कीमती पत्थर बेचने का भी काम शुरू कर दिया था। इसके अलावा, उसे लोगों से दान भी मिलता था। कहा जाता है कि वह बॉलीवुड ऐक्टर शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान के फोटो और एडिटेड वीडियो के जरिए वह अपने रसूख को बढ़ाता था।
कहा जा रहा है कि पुलिस को अब तक उसकी 4 करोड़ की संपत्ति का पता चला है। यह कहा जाता है कि कुछ दिन पहले येवला में जरीफ ने 15 एकड़ जमीन खरीदी थी और यहीं वह अपना स्थाई अड्डा बनाना चाहता था।
पुलिस का मानना है कि वह रिफ्यूजी था, इसलिए वह अपना बैंक खाता नहीं खोल सकता था और अपने नाम पर संपत्ति नहीं खरीद सकता था। इसलिए हो सकता है कि वह दूसरे लोगों के नाम पर संपत्ति खरीदा हो। पुलिस का यह भी मानना है कि उसकी हत्या के पीछे संपत्ति ही प्रमुख कारण है।
जरीफ पर IB की नजर
जरीफ के यूट्यूब चैनल पर उसके फॉलोअर की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। एक अफगान शरणार्थी की इतने कम समय में इस तरह देश में पॉपुलर होने पर वह सुरक्षा एजेंसियों की निगाह में आ गया।
महाराष्ट्र की वावी पुलिस ने साल 2021 में जरीफ, उसकी पत्नी और ड्राइवर गफ्फार की जाँच की थी। इस जाँच के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की थी और उस रिपोर्ट को 22 अप्रैल 2021 को इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को सौंपी थी। तब से उस पर IB की नजर थी।
भारत में अर्जेंटीना की महिला से शादी
नासिक ग्रामीण पुलिस के एसपी सचिन पाटिल के अनुसार, जरीफ लगभग दो साल से वावी थाना क्षेत्र के मीरगाँव शिवारा के एक बंगले में रह रहा था। उसने अर्जेंटीना मूल की 28 वर्षीय तिरिना दाऊदी नाम की महिला से शादी की थी। हालाँकि, पुलिस को शादी से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिला है।
जरीफ की हत्या के बाद पता चला कि उसके साथ एक महिला तथा एक अफगान नागरिक रहता था। महिला खुद को उसकी पत्नी बताती है। दाऊदी को हिंदी, इंग्लिश या मराठी नहीं आती है। इसलिए पुलिस का कहना है कि उससे पूछताछ नहीं हो सकी है। महिला के पास साल 2023 तक भारत में रहने का वीजा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जरीफ अर्जेंटीना की इस महिला से शादी करने के उद्देश्य से भारत आया था। महिला से उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच प्यार हो गया। 22 नवंबर 2017 को दोनों भारत आए और अगले दिन यहाँ निकाह कर ली।