एक बार फिर ताजमहल (Taj Mahal) का नाम बदलने की माँग उठ रही है। बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर आज (31 अगस्त 2022) आगरा नगर निगम में ताजमहल का नाम ‘तेजो महालय’ करने का प्रस्ताव पेश किया। हालाँकि, विपक्षी दलों ने सदन में जमकर हंगामा किया।
आगरा नगर निगम के सदन में भारी हंगामे के बीच ताजमहल के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी। बहुजन समाज पार्टी (BSP) और बीजेपी (BJP) के पार्षदों के बीच जुबानी जंग के कारण सदन में कई घंटे हंगामा चलता रहा और अंतत: सदन स्थगित हो गया।
#BreakingNews ताजमहल के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव पर नहीं हो सकी आगरा नगर निगम के सदन में चर्चा। बीएसपी और बीजेपी के पार्षदों ने सदन में किया हंगामा। कई घंटे चला हंगामा और हंगामे की भेंट चढ़ गया सदन।@NavbharatTimes
— NBT Uttar Pradesh (@UPNBT) August 31, 2022
शोभाराम राठौर का कहना है कि अब समय आ गया है कि ताजमहल का नाम बदला जाए। पार्षद के प्रस्ताव पर सवाल खड़े करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमीर अहमद जाफरी ने कहा कि क्या नगर निगम को यह अधिकार है कि वह ऐतिहासिक स्मारक ताजमहल का नाम बदल सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस जगह ताजमहल है, उस क्षेत्र के पार्षद शोभाराम राठौर हैं। उन्होंने (बीजेपी पार्षद) तर्क देते हुए कहा कि नगर निगम में पिछले साढे़ 4 साल में करीब 80 सड़क और चौराहों के नाम बदले गए हैं। ताजमहल का भी बदला जाना चाहिए।
शोभाराम राठौर ने कहा कि ताजमहल का नाम बदलने की माँग भी लंबे समय से उठ रही है। ताजमहल नगर निगम की सीमा में है। ताजमहल में हिंदू सभ्यता से जुडे़ कई चिन्ह मिलने की बात कही जाती है। इसको देखते हुए उन्होंने नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है।
इस मामले में ASI के पुरातत्वविद अधीक्षक डॉक्टर राजकुमार पटेल का कहना है कि उनके पास इस तरह की कोई भी लिखित सूचना नहीं आई है। ऐसे में वह इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।
गौरतलब है कि ओडिशा के पुरी में स्थित गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने वर्ष 2020 में ताजमहल को लेकर बड़ा दावा किया था। शंकराचार्य ने उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित मुगलिया इमारत के बारे में कहा था कि ये प्राचीन काल में भगवान शिव का मंदिर था और इसका नाम ‘तेजो महालय’ था। उनके शब्दों में, “जिसे आजकल ताजमहल कहते हैं, उसका पुराना नाम ‘तेजो महालय’ है। वहाँ शिवजी प्रतिष्ठित थे।“
शंकराचार्य के मुताबिक, जयपुर राजपरिवार के पास ताजमहल का पूरा इतिहास सुरक्षित है। विदेशी यात्रियों ने भी अपनी यात्रा को लेकर जो संस्मरण लिखे हैं, उनसे ताजमहल का वास्तविक नाम ‘तेजो महालय’ ही सिद्ध होता है।