‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB)’ अब मुस्लिमों को शरिया कानून का पाठ पढ़ाने के लिए वेब सीरीज बनाएगा। साथ ही उर्दू और अंग्रेजी में इसके लिए जर्नल भी लॉन्च किए जाने की योजना तैयार की गई है।
AIMPLB ने सोमवार (फरवरी 22, 2021) को इसकी घोषणा की। मुस्लिमों और इस्लाम के मामले में अदालतों द्वारा किए गए जजमेंट्स के बारे में भी ‘जागरूकता’ फैलाई जाएगी। संस्था के अध्यक्ष मोहम्मद रबी हसन नवेदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया।
AIMPLB की वर्किंग कमिटी ने ‘शरिया को लेकर जागरूकता फैलाने’ वाली वेब सीरीज बनाने पर मुहर लगाई। साथ ही दो भाषाओं में कानूनी जर्नल के प्रकाशन का निर्णय लिया गया। संस्था के महासचिव सैयद मोहम्मद वली रहमानी ने कहा कि इस सीरीज को इंटरव्यू-डिस्कशन फॉर्मेट में बनाया जाएगा। इसमें चर्चाएँ होंगी, विशेषज्ञों से बातें होंगी।
उन्होंने कहा कि मुस्लिमों और इस्लाम के मामलों में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स ने किस तरह के फैसले सुनाए हैं, उसके बारे में लोगों को शिक्षित किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि आम आदमी को शिक्षित बनाने के लिए न सिर्फ शरिया, बल्कि भारत के कानूनों को लेकर भी इस वेब सीरीज को जानकारी दी जाएगी।
The working committee of @AIMPLB_Official passed a resolution to start a Sharia awareness web series. It also decided to start issuing a legal journal in Urdu and English languages. pic.twitter.com/Q80Nmr9Bn2
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) February 21, 2021
बोर्ड के सदस्य आसमाँ ज़हरा को इस वेब सीरीज का खाका तैयार करने के लिए कहा गया है। बोर्ड में शामिल अधिवक्ताओं, जैसे युसूफ हातिम मुछाला, ज़फ़रयाब जिलानी और एमआर शमशाद जैसों ने इस फैसले का समर्थन किया है और कहा है कि वो अपना समय देंगे।
लीगल जर्नल को लेकर योजना तैयार करने का टास्क शमशाद को ही दिया गया है। पूरे देश में वक़्त की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए अभियान चलाने पर भी मुहर लगाई गई। बोर्ड ने कहा कि वक़्फ़ की संपत्तियों को बेचने की कोशिशों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।