Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाज₹68 लाख की गाड़ी-7 एयरबैग, पिछली सीट पर थे फिर भी नहीं बचे सायरस...

₹68 लाख की गाड़ी-7 एयरबैग, पिछली सीट पर थे फिर भी नहीं बचे सायरस मिस्त्री: जानिए कैसे काम करता है एयरबैग, सीट बेल्ट की अनदेखी कितनी घातक

ड्राइवर और उसकी साइड वाली सीट में बैठे हुए लोगों ने सीट बेल्ट लगाया हुआ था, जिस कारण उनके एयरबैग ने अच्छी तरह से काम किया, जोरदार टक्कर होने के बाद भी उन्हें सिर्फ चोट लगी है।

को टाटा ग्रुप (Tata Group) के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की रविवार (4 सितंबर, 2022) को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह दुर्घटना मुंबई से सटे पालघर जिले के मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सूर्या नदी के पुल पर हुआ। इस हादसे में एक अन्य व्यक्ति भी मौत हो गई है, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल गए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि साइरस मिस्त्री की मौत समय पर एयरबैग न खुलने की वजह से हुई है।

साइरस मिस्त्री करीब 68 लाख रुपए की मर्सिडीज ‘जीएलसी 220डी 4 मैटिक’ से अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे। मर्सिडीज की जीएलसी 220डी सीरीज की सबसे सेफ कारों में से एक है। इसमें सात एयरबैग भी थे। हालाँकि, एयरबैग थोड़ा लेट खुले। चूँकि साइरस मिस्त्री ने सीट बेल्ट नहीं लगाया हुआ था, इसलिए वह एयरबैग खुलने से पहले ही फ्रंट सीट से टकरा चुके थे। यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

क्या होता है ैरबाग?

वर्तमान समय में वाहनों के सेफ्टी उपकरणों में सीटबेल्ट और एयरबैग को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। एयरबैग एक नायलॉन के कपड़े से बना एक बैग (थैला) होता है जो कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में पैसेंजर को सुरक्षा देने का काम करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि दुर्घटना के समय इसे खोलने के लिए किसी स्विच का उपयोग नहीं करना पड़ता, बल्कि यह ऑटोमेटिक होता है। जैसे ही दुर्घटना होती है, ये अपने-आप खुल जाता है। एयरबैग कार के स्टीयरिंग व्हील, गेट और डैशबोर्ड में लगे होते हैं।

See the source image
खुले हुए एयरबैग (फोटो साभार: डिजिटल ट्रेंड्स)

कैसे काम करता है एयरबैग…

एयरबैग को खुलने में एक सेकंड से भी कम समय लगता है। यह 320 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से खुलता है और पैसेंजर को सुरक्षा प्रदान करता है। आसान शब्दों में कहें तो जैसे ही दुर्घटना होती है, कार में लगे सेंसर अक्रिया हो जाते हैं और एयरबैग को खुलने के लिए सिग्नल भेजते हैं। सिग्नल मिलते ही स्टीयरिंग के नीचे मौजूद इन्फ्लेटर एक्टिव हो जाता है। इस इन्फ्लेटर में सोडियम अजाइड गैस होती है, जो कि रासायनिक प्रक्रिया कर के नाइट्रोजन गैस पैदा करता है। जिसके बाद, एयरबैग नाइट्रोजन से भरकर फूल जाता है और खुलकर पैसेंजर के सामने आ जाता है जिससे टक्कर के समय चोट नहीं लगती है।

साइरस मिस्त्री के केस में क्या हुआ?

कार में एयरबैग सेट करने से पहले जब टेस्टिंग होती है तो सीटबेल्ट के साथ होती है। यानी, ऐसा माना जाता है कि कार में बैठे हुए सभी पैसेंजर सीट बेल्ट लगाए हुए हैं। आमतौर पर बिना सीट बेल्ट के एयरबैग नहीं खुलते हैं और यदि खुलते भी हैं तो उन्हें खुलने में काफी समय लगता है।

साइरस मिस्त्री के केस में भी यही हुआ। ड्राइवर और उसकी साइड वाली सीट में बैठे हुए लोगों ने सीट बेल्ट लगाया हुआ था, जिस कारण उनके एयरबैग ने अच्छी तरह से काम किया, जोरदार टक्कर होने के बाद भी उन्हें सिर्फ चोट लगी है। जबकि, साइरस मिस्त्री और एक अन्य व्यक्ति पीछे वाली सीट में बैठे हुए थे। इन दोनों ने ही सीटबेल्ट नहीं लगाया था। कार की टक्कर के बाद एयरबैग को खुलने में समय लगा और उससे पहले ही पीछे की सीट में बैठे हुए दोनों (साइरस और एक अन्य) फ्रंट सीट से टकरा चुके थे। इसी टक्कर की वजह से उनकी मौत हो गई।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को दी चिट… 500 जनजातीय लोगों पर बरसने लगी गोलियाँ: जब जंगल बचाने को बलिदान हो गईं टुरिया की...

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को चिट दी जिसमें लिखा था- टीच देम लेसन। इसके बाद जंगल बचाने को जुटे 500 जनजातीय लोगों पर फायरिंग शुरू हो गई।

कश्मीर को बनाया विवाद का मुद्दा, पाकिस्तान से PoK भी नहीं लेना चाहते थे नेहरू: अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा, अब 370 की वापसी चाहता...

प्रधानमंत्री नेहरू पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर सौंपने को तैयार थे, यह खुलासा अमेरिकी दस्तावेज से हुआ है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -