Sunday, November 17, 2024
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सहेली ने इरफान से कराई दोस्ती और अजमेर की बेटी की जिंदगी हो गई जहन्नुम: गैंगरेप का वो केस जिसके ‘जिहादी मिशन’ से जुड़े होने की आशंका, अब तक 7 गिरफ्तार

पुलिस द्वारा आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ है कि सारे आरोपित मिलकर गैंग चला रहे थे। इनका टारगेट एक समुदाय की लड़कियाँ थीं।। एसपी देवेंद्र कुमार बिश्नोई ने भी कहा है कि अब तक की जाँच में संगठित गिरोह की लिप्तता सामने आई है।

अजमेर में पिछले दिनों 11वीं क्लास की लड़की के साथ हुए गैंगरेप के मामले में अब तक 7 लोग गिरफ्तार हो चुके है। इसमें तीन को पुलिस ने शिकायत दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया था। वहीं 4 की गिरफ्तारी 17 पुलिसकर्मियों की एसआईटी टीम गठित होने के बाद हुई थी। इनमें एक नाबालिग है। बाकी का नाम इरफान, अरबाज, असलम, रज्जाक, मुबारक खान और इमरान खान है।

बता दें कि ये मामला अजमेर के क्रिश्चियनगंज थाना का था। एक 11वीं क्लास की लड़की के पिता की शिकायत पर पता चला था कि इंस्टाग्राम के जरिए इरफान ने लड़की को फँसाया और फिर उसका गैंगरेप करके, उसकी वीडियो बनकर उसे ब्लैकमेल करते हुए लाखों रुपए लूटे। पिता ने ये भी बताया था कि उनकी बेटी को उसकी एक सहेली ने इरफान से दोस्ती करने का दबाव बनाया था। उसी के बाद वो इस पूरे जाल में फँसी।

अब पुलिस द्वारा आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ है कि सारे आरोपित मिलकर गैंग चला रहे थे। इनका टारगेट एक समुदाय की लड़कियाँ थीं।। एसपी देवेंद्र कुमार बिश्नोई ने भी कहा है कि अब तक की जाँच में संगठित गिरोह की लिप्तता सामने आई है। इनके जेहादी मिशन की तफ्तीश चल रही है। ये गिरोह कई लड़कियों के संपर्क में थे। इनके फोन से अश्लील कमेंट्स, रील्स और अश्लील वीडियो एक दूसरे को भेजने के सबूत मिले हैं। ये भी सामने आया है कि यये आरोपित एक दूसरे के रिश्तेदार हैं।

पुलिस ने ये भी बताया है कि आरोपितों को पोर्न देखने की और नशा करने की आदत थी। पुलिस इनसे इनके नेटवर्क के बारे में पूछताछ कर रही है। वहीं प्रशासन ने कहा है कि गैंगरेप के आरोपितों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने से परहेज नहीं किया जाएगा। अभी जाँच हो रही है।

आरोपितों ने अपने मोबाइल से डेटा को गायब कर दिया है, पुलिस डेट रिकवर करने की कोशिस कर रही। वहीं छानबीन और पुलिस पूछताछ से ये साफ हो गया है कि ये लोग इंस्टाग्राम के जरिए लड़कियों को फँसाते थे और फिर उन्हें अपने जाल में फँसाकर उनका यौन शोषण करते थे। बाद में उनके पैसे ऐंठते थे। छानबीन से ये भी पता चला है कि ये सारे आरोप कई लड़कियों के संपर्क में थे। इसके अलावा ब्लैकमेल कांड के ये भी सामने आया है कि आरोपितों में कॉन्ग्रेस के पूर्व पार्षद के नाते-रिश्तेदार और गाँव निवासी भी शामिल हैं।

गैंगरेप की घटना सामने आने बाद इस मामले में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भाजपा के जिला अध्यक्ष रमेश सोनी ने भी इस मामले में गहनता से जाँच की माँग की है। उन्होंने आशंका जताई है कि ये अजमेर 1992 जैसा कांड को दोहराने का प्रयास हो सकता है। मामले में विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ कहा कि अजमेर में ब्लैकमेल कांड की पुनरावृत्ति होने नहीं दी जाएगी। आरोपित चाहे कितने भी प्रभावशाली हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अभिभावकों को कहा है कि बच्चों का खास ध्यान रखें।

अजमेर 1992 कांड

उल्लेखनीय है कि 3 दिन पहले ये मामला मीडिया में आया था। उसके बाद से अंदाजा लग रहा था कि कहीं 1992 की तरह ये कोई स्कैंडल तो नहीं। बता दें कि 1992 में 100 से ज्यादा लड़कियों को फँसाकर उनके साथ रेप किया गया था। फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती- इस कांड के मुख्य आरोपित थे। तीनों ही यूथ कॉन्ग्रेस के लीडर थे। फारूक उस समय इंडियन यूथ कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का अध्यक्ष था। नफीस चिश्ती कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का उपाध्यक्ष था। अनवर चिश्ती अजमेर में पार्टी का ज्वाइंट सेक्रेटरी था। साथ ही तीनों अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी थे।

बताया जाता है कि आरोपितों ने सबसे पहले एक बिजनेसमैन के बेटे के साथ कुकर्म कर उसकी अश्लील तस्वीर उतारी और उसे अपनी गर्लफ्रेंड को लाने के लिए मजबूर किया। उसकी गर्लफ्रेंड से रेप के बाद उसकी अश्लील तस्वीरें निकाल ली और लड़की को अपनी सहेलियों को लाने के लिए कहा गया। फिर यह सिलसिला ही चल पड़ा। एक के बाद एक लड़की के साथ रेप करना, न्यूड तस्वीरें लेना, ब्लैकमेल कर उसकी भी बहन/ सहेलियों को लाने के लिए कहना और उन लड़कियों के साथ भी यही घृणित कृत्य करना- इस चेन सिस्टम में 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ भी शर्मनाक कृत्य किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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