बाबरी विध्वंस के आरोपितों को सीबीआई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बबाद संगम नगरी प्रयागराज के साधु संतों में खुशी की लहर है। साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि आज का दिन सभी सनातनधर्मियों के लिए खुशी का दिन है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कोर्ट द्वारा बरी किए गए सभी को बधाई देते हुए कहा कि भगवान राम के कार्य में कोई अपराध नहीं होता है। यह बात आज कोर्ट के फैसले से साबित हो गया, जब कोर्ट ने कहा कि यह घटना कोई सुनियोजित घटना नहीं थी। यह काम भगवान राम का था, उन्होंने अपना काम सभी से लिया।
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि न्याय की अदालत में सत्य की हमेशा जीत होती है। आज सभी संत महात्मा कोर्ट के इस फैसले से बेहद खुश हैं। जो लोग न्यायालय में विश्वास नहीं करते हैं, वे लोग राष्ट्रद्रोही हैं। सीबीआई कोर्ट लखनऊ ने बेहद सुखद फैसला सुनाया है। महंत नरेंद्र गिरि ने आम जनमानस से अपील की है कि वो कोर्ट के आदेश को माने।
गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के आपराधिक मामले में 28 साल बाद आज सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह समेत सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ‘सत्यमेव जयते’ के अनुरूप सत्य की जीत हुई है। इसके साथ ही उन्होंने तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार पर तीखा वार भी किया।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्य संतों, भाजपा नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फँसाकर बदनाम किया गया। इस षड्यंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी माँगनी चाहिए।”
ढाँचा विध्वंस पर 28 साल बाद आए फैसले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि स्पेशल कोर्ट का फैसला अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम सब के लिए यह बहुत खुशी का दिन है। जब यह समाचार सुना तो इसका स्वागत किया। बहुत समय बाद अच्छा समाचार मिला, जय श्रीराम। वहीं यूपी के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह के कोर्ट के फैसले पर हर्ष जताया। पूर्व मुख्यमंत्री इन दिनों कौशाम्बी में यशोदा अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के बाद से भर्ती हैं।
इस फैसले के बाद केस में आरोपित रहे आचार्य धर्मेंद्र ने कहा, “सत्य की जीत हुई है। इस पर मैं प्रणाम करूँगा। हम सब मिलकर जितने भी पुराने दाग हैं, उनको धोएँगे। यह तो पहली झाँकी है, काशी-मथुरा बाकी है। जहाँ-जहाँ भी दाग है, उनको धोकर साफ करेंगे।”
इस मामले में कुल 49 अभियुक्त थे लेकिन उनमें से 17 की पहले ही मौत हो चुकी है। आरोपितों पर आपराधिक साजिश रचने से लेकर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज हुए थे। ये मामला 28 वर्षों तक चला, जिनमें 351 गवाहों को पेश किया गया था।