बिहार में एक से बढ़कर एक ‘गजब’ जीव हैं। रक्सौल के सरकारी अस्पताल का ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक डॉक्टर शराबियों का टेस्ट जुगाड़ से कर रहा है कि उसने शराब पी है या नहीं। जी हाँ, कागज में फूँक मरवा कर डॉक्टर ने 9 लोगों को शराबी घोषित कर दिया, जिसके बाद उन लोगों को जेल भेज दिया गया। अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
ये मामला रक्सौल अनुमंडल अस्पताल का है। जहाँ 11 लोगों को शराब सेवन के आरोपों में पकड़ा गया था। इसमें से 9 लोगों द्वारा शराब के सेवन की पुष्टि कागज की कुप्पी में फूँक से कर ली गई। चूँकि ब्रेथ एनालाइजर अस्पताल में मौजूद नहीं था, इसलिए ये देसी जुगाड़ अपनाया गया। इस ‘खास’ जाँच में फँसे 9 लोगों को अब जेल भेज दिया गया है, जबकि 2 लोगों में शराब की ‘पुष्टि’ नहीं हो पाने की वजह से उन्हें छोड़ दिया गया।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, ये घटना 30 अक्टूबर, 2023 की है। बता दें कि ब्रेथ एनालाइजर न होने पर शराब के सेवन की जाँच खून की जाँच के माध्यम से हो सकती थी। हालाँकि इसकी व्यवस्था भी इस अस्पताल में नहीं थी और सैंपल लेकर उन्हें मुजफ्फरपुर लैब में भेजना पड़ता। ऐसे में डॉक्टर साहब ने फूँक से ये पता लगाने की तरकीब निकाल ली कि शराब सेवन की पुष्टि बदबूदार फूँक से हो भी जाए और काम भी चल जाए।
#Watch: बिहार के रक्सौल में हिरासत में लिए गए कुछ लोगों को कागज में फूंक मरवाकर शराब पीने की जांच की गई। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।#Bihar #Raxaul #viralvideo pic.twitter.com/tD7Kr9y06J
— Hindustan (@Live_Hindustan) November 1, 2023
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन ने सफाई दी कि हमारे अस्पताल में शराब जाँच की सुविधा ही नहीं है। वहीं, रक्सौल थाना प्रभारी नीरज कुमार ने कहा कि थाने का ब्रेथ एनालाइजर खराब हो गया था, इसलिए जाँच के लिए अस्पताल भेजा गया था। वहीं, वरिष्ठ अधिकारी डॉ अंजनी कुमार सिंह ने कहा है कि इस घटना की जाँच के लिए कमेटी का गठन किया गया है।